जनहित याचिका: अवैध बैनर और होर्डिंग्स को लेकर हाई कोर्ट सख्त

  • सभी मनापा-नपा को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
  • जनहित याचिका पर सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-01 16:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई समेत राज्य के सभी शहर अवैध होर्डिंग, बैनर और पोस्टर से पटे पड़े हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार, महानगर पालिका और नगर पालिकाओं की ओर से इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसको लेकर अदालत ने राज्य सरकार, सभी महानगर पालिकाओं(मनपा) एवं नगर पालिकाओं (नपा) को हलफनामा देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को वरिष्ठ वकील उदय वारुंजीकर द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका साल 2011 में दायर की गई थी और साल 2017 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद समाप्त हो गई थी। इस याचिका में एक अवमानना दायर हुई है, जिसमें याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजीकर ने दलील दी है कि राज्य में राजनीतिक दलों द्वारा अवैध बैनर, होर्डिंग और पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर अदालत ने राज्य सरकार, सभी महानगर पालिकाओं और नगर निगमों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी अवैध होर्डिंग नहीं लगाए जाएं।

बताएं छह महीने में क्या की कार्रवाई

इस याचिका की सुनवाई में सरकार की ओर से पेश हुए वकील भूषण सावंत ने कहा कि महानगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं द्वारा अवैध बैनर और होर्डिंग के खिलाफ सतत कार्रवाई की जा रही है। कई महानगर पालिकाएं वैध एवं अवैध बैनर और होर्डिंग की पहचान के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर रही हैं। अवैध बैनर एवं होर्डिंग लगाने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार, सभी महानगर पालिका और नगर पालिकाएं 19 दिसंबर तक हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि उन्होंने पिछले 6 महीने में अब तक अवैध बैनर और होर्डिंग के खिलाफ क्या क्या कदम उठाएं हैं?

Tags:    

Similar News