नई पहल: बच्चों ऑनलाइन यौन शोषण का शिकार होने से बचाने जारी होगी हेल्पलाइन
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ मेटा और चाइल्ड-फंड इंडिया चलाएंगे जागरुकता मुहिम
- यौन शोषण का शिकार होने से बचाने हेल्पलाइन जारी होगी
- बच्चों को जागरुक करने पर होगा जोर
डिजिटल डेस्क, मुंबई. इंटरनेट पर आसान पहुंच के चलते बड़ी संख्या में बच्चे ऑनलाइन यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए अब महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कमर कसी है। आयोग जल्द ही बच्चों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराएगा जिस पर वे इस तरह की परेशानियां साझा कर सकेंगे। आयोग की अध्यक्ष सुशीबेन शाह ने कहा कि यह बड़ी समस्या है इसलिए इससे निपटने के लिए मैंने साइबर अपराध शाखा, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत की है। मेटा और चाइल्ड-फंड इंडिया भी इस मुहिम का हिस्सा होगा। बच्चों के भीतर का डर साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार होता है। परेशान बच्चे न अपने माता-पिता से बात कर पाते हैं और न ही पुलिस के पास जा पाते हैं। इसलिए हमारी कोशिश है कि बच्चों को एक ऐसा मंच दिया जाए जहां वे बिना हिचक अपनी परेशानी साझा कर सकें। हम बच्चों को साइबर अपराधों को लेकर जागरूक करेंगे और उनका भरोसा जीतेंगे। हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बच्चे की शिकायत के 24 घंटे के भीतर उससे जुड़ी क्लिप इंटरनेट से हटा दी जाए। शाह ने कहा कि कई बार बच्चों को अपनी परेशानी को लेकर सिर्फ बात करनी होती है। बच्चे ने कोई वीडियो देखा या अपलोड किया कि सोशल मीडिया का अल्गोरिद्म ऐसा होता है कि उसे उसी तरह का कंटेंट दिखाई देने लगता है। कई बार इसी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी बच्चियों को ब्लैकमेल करते हैं। इसीलिए हम चाहते हैं कि बच्चे-बच्चियां जब भी परेशानी महसूस करें वे हमें फोन कर लें।
बच्चों को जागरुक करने पर होगा जोर
ऑनलाइन अपराध से निपटने के लिए जागरूकता बेहद अहम है। इसीलिए महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चाइल्ड-फंड इंडिया के साथ बच्चों को जागरूक करने की योजना तैयार की है। वेब सेफ एंड वाइज नाम की यह मुहिम एक वर्ष चलेगी। इसके तहत बच्चों के खिलाफ होने वाले ऑनलाइन अपराध से जुड़े आंकड़े इकठ्ठा किए जाएंगे। इन अपराधों पर लगाम लगाने की रणनीति तैयार की जाएगी साथ ही विद्यार्थियों को अपराध से बचने के तरीके सिखाए जाएंगे। चाइल्ड-फंड इंडिया के कार्यक्रमों के वरिष्ठ प्रबंधक अमरकुमार सिंह ने कहा कि हम बच्चों को बताएंगे कि ऑनलाइन अपराध की घटनाओं वे तुरंत किस तरह के कदम उठा सकते हैं। साथ ही इससे कैसे बच सकते हैं।