विधान सभा अध्यक्ष का निर्देश: शुरु हुई विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई, 10 दिनों में दोनों पक्ष फाइल करें जवाब
- उद्धव गुट ने लगाया टाईम पास आरोप
- उद्धव गुट एक साथ तो शिंदे गुट अलग-अलग चाहता है सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को शिवसेना शिंदे और उद्धव गुट के विधायकों की अयोग्यता वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। सुनवाई करीब 12 बजे विधानसभा के सेंट्रल हॉल में शुरू हुई जो दोपहर 2 बजे तक जारी रही। खबर है कि शिंदे गुट की 14 याचिकाओं पर सुनवाई हुई जबकि उद्धव गुट की 41 याचिकाओं पर पक्ष रखा गया। दोनों ही गुटों का प्रतिनिधित्व उनके वकीलों ने किया।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए कहा कि दोनों ही पक्षों को एक दूसरे के दस्तावेज नहीं मिले हैं। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को एक दूसरे को दस्तावेज देने का आदेश दिया। शिंदे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष से जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। शिंदे गुट के वकील अनिल सिंह ने कहा कि उनके अधिकांश विधायक गणेशोत्सव के चलते सुनवाई में शामिल नहीं हो पाए हैं। खबर है कि विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को 10 दिन के अंदर लिखित जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सुनवाई शुरू होते ही ठाकरे गुट की ओर से पार्टी व्हिप सुनील प्रभु की याचिका पर उनके वकील असीम सरोदे ने बहस करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह पहले ही मान चुका है कि शिंदे गुट द्वारा भरत गोगावले का व्हिप के लिए चयन अवैध था। लिहाजा शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर सुनील प्रभू की तरफ से दी गई पर तुरंत फैसला किया जाना चाहिए। इस पर शिंदे गुट के वकील अनिल सिंह ने कहा कि उन्हें उद्धव गुट की याचिका से जुड़े हुए दस्तावेज नहीं मिले हैं। लिहाजा इस पर बहस करना जाएज नहीं है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों ही गुटों को एक दूसरे के दस्तावेज सौंपने का आदेश दिया।
उद्धव गुट एक साथ तो शिंदे गुट अलग-अलग चाहता है सुनवाई
दोनों पक्षों को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनवाई शुरू होने से ही पहले निर्देश दिए कि उनके वकील अध्यक्ष को ही देखकर बहस करें। इसके साथ ही नार्वेकर ने सुनवाई के दौरान व्यवधान पैदा वाले विधायकों पर कार्रवाई करने की भी बात कही। उद्धव गुट के वकील असीम सरोदे ने सुनवाई के दौरान अध्यक्ष से मांग की कि उनके मुवक्किल की 41 याचिकाएं हैं जो एक ही मामले से संबंधित हैं, लिहाजा सभी को एक साथ जोड़कर सुनवाई की जाए। इसका विरोध करते हुए शिंदे गुट के वकील ने कहा कि उन्हें लगता है कि सभी याचिकाओं की अलग-अलग सुनवाई करने की जरूरत है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों ही पक्षों को 10 दिनों के अंदर लिखित जवाब के साथ हाजिर होने के लिए कहा है।
यह टाईमपास की रणनीति
सुनील राऊत, विधायक, उद्धव गुट के मुताबिक विधायकों की अयोग्यता को लेकर आज सुनवाई हुई। हम अपने सभी विधायकों के साथ समय पर उपस्थित हुए। हमारी शिवसेना ही असली शिवसेना है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कागजों की अदला बदली का काम कर रहे हैं वह हमें मान्य नहीं है। यह सब टाइम पास के लिए किया जा रहा है।
छुट्टियों के बहाने कर रहे देरी...
भास्कर जाधव, विधायक, उद्धव गुट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को जल्द से जल्द फैसला देने का आदेश दे चुका है, लेकिन कागजपत्र के नाम पर अध्यक्ष फैसला देने में आनाकानी कर रहे हैं। उन्हें जल्द से जल्द फैसला देना होगा। उनके वकील मामले को घुमा फिराकर पेश कर रहे हैं। उनके विधायक नोटिस नहीं मिलने और गणपति की छुट्टियों का बहाना बना रहे हैं। लेकिन एक दिन उन्हें जरूर फैसला देना होगा।
किशोर पाटील, विधायक, शिंदे गुट के मुताबिक विधान भवन में आज महत्वपूर्ण सुनवाई हुई है। दोनों ही पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने का मौका मिला है। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों ही पक्षों को एक दूसरे के कागजात सौंपने को कहा है ताकि सुनवाई में पता लग सके कि कौन सा पक्ष किस पर किस तरह के आरोप लगा रहा है। अगली सुनवाई के लिए 10 दिन का समय दिया गया है।
राहुल नार्वेकर, अध्यक्ष, विधानसभा के मुताबिक संविधान के नियम और कानून के हिसाब से उचित समय पर उचित फैसला लिया जाएगा। दोनों ही पक्षों को सुने बगैर कोई भी फैसला नहीं सुनाया जाएगा। दोनों ही पक्षों को अगली सुनवाई तारीख बता दी जाएगी।
सुनवाई में नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जालना में मनोज जरांगे-पाटील के अनशन को खत्म करवाने के चलते सुनवाई में शामिल नहीं हो सके। शिंदे गुरूवार सुबह अचानक छत्रपति संभाजीनगर पहुंचे और उन्होंने जरांगे पाटील का अनशन तुड़वाया। इसी के चलते शिंदे विधानसभा अध्यक्ष की सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सके।