बॉम्बे हाईकोर्ट: मनोज जरांगे-पाटिल के खिलाफ दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई टली, पेडणेकर को अंतरिम संरक्षण जारी

  • याचिका में जरांगे-पाटिल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अनुरोध, 24 जनवरी को मामले की सुनवाई
  • पेडणेकर को हाई कोर्ट से गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण जारी
  • शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरत चव्हाण की ईडी हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ी चव्हाण ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-22 15:45 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  मराठा आंदोलन (मराठा आरक्षण) करने वाले मनोज जरांगे-पाटिल खिलाफ दायर आपराधिक याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई 24 जनवरी तक के लिए टल गई है। वकील गुणरत्न सदावर्ते ने याचिका में जरांगे-पाटिल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गुणरत्न सदावर्ते की याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका में और जानकारी जोड़ने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 24 जनवरी को रखा है। याचिका में दावा किया गया है कि सोलापुर के पंढरपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक युवकी की संदिग्ध मौत हुई थी। अंदेशा है कि इस गैरमराठा को मार दिया गया और मराठा होने का दावा कर आंदोलन को भड़काया गया था। इस मामले में जरांगे-पाटिल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। मनोज जरांगे मराठा समुदाय को तुरंत आरक्षण देने की मांग करते हुए करोड़ों मराठों को लेकर 26 जनवरी को मुंबई में धरना देने का ऐलान किया है। सदावर्ते ने याचिका में जरांगे-पाटिल राज्य सरकार को परेशान करने का भी आरोप लगाया है।

बीएमसी का खिचड़ी घोटाला- शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरत चव्हाण की ईडी हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ी चव्हाण ने जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

वहीं विशेष पीएमएलए अदालत ने शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ा दी। चव्हाण ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ईडी ने सोमवार को अदालत में दावा किया कि मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी सूरज चव्हाण द्वारा प्राप्त अपराध से अर्जित आय का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने और डेयरी व्यवसाय में निवेश के लिए किया गया था। चव्हाण की ईडी हिरासत सोमवार को समाप्त होने पर ईडी ने यह दावा करते हुए सात दिन के लिए उनकी हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया कि आरोपी ने धनशोधन के अपराध में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूरत चव्हाण ने हाई कोर्ट में याचिका दायर अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया और विशेष अदालत द्वारा 18 जनवरी को उन्हें ईडी हिरासत में भेजने के आदेश की वैधता को भी चुनौती दी है। ईडी ने चव्हाण को 17 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति पी.डी.नाइक की एकल पीठ के समक्ष चव्हाण की याचिका सुनवाई के लिए आई। पीठ ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को रखी है। धनशोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एफआईआर से जुड़ा है। पीठ ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को रखी है। धनशोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एफआईआर से जुड़ा है।कोरोना के दौरान प्रवासियों को खिचड़ी उपलब्ध कराने के लिए मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा ठेका देते समय कथित अनियमितताएं हुईं।

किशोरी पेडणेकर को हाई कोर्ट से गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण जारी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बरकरार रखा है। उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई. उन पर कोरोना मरीजों के लिए बॉडी बैग की खरीद में कथित अनियमितता का आरोप है। न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकलपीठ के समक्ष सोमवार को किशोरी पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। पेडणेकर की याचिका में दावा किया गया है कि उन्हें राजनीति से प्रेरित होकर दुर्भावना में झूठे मामले में फंसाया गया है। इस साल 29 अगस्त को सेशन कोर्ट ने पेडणेकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में 4 अगस्त को पेडणेकर, पूर्व अतिरिक्त नगर निगम आयुक्त और पूर्व उप नगर आयुक्त और निजी ठेकेदार वेदांत इनोटेक के खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि वेदांत इनोटेक ने कथित तौर बीएमसी को 6719 रुपए प्रति बॉडी बैग की आपूर्ति की थी, जो उसी अवधि के दौरान अन्य सरकारी अधिकारियों या निजी अस्पतालों से तीन गुना अधिक (1500 रुपए प्रति) थी।

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