आश्वासन: महाराष्ट्र में मीडिया रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई, टीबी रोधी दवाओं की नहीं कोई कमी
- टीबी रोधी दवाओं की नहीं कोई कमी
- स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में टीबी के उपचार के लिए दवाओं की कोई कमी नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि दो महीने के लिए चार एफडीसी (आइसोनियाजिड, रिफैम्पिसिन, एथेमब्युटोल और पाइराजिनामाइड) के रूप में उपलब्ध चार दवाएं शामिल है। इसके बाद दो महीने के लिए तीन एफडीसी (आइसोनियाजिड, रिफैम्पिसिन और एथेमब्युटोल) के रूप में उपलब्ध तीन दवाएं शामिल हैं। ये सभी दवाएं छह महीने और उससे अधिक समय के पर्याप्त भंडार के साथ उपलब्ध हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि महाराष्ट्र में कुछ मीडिया रिपोर्टों में प्रदेश में टीबी रोधी दवाओं की कमी का आरोप लगाया गया है और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ऐसी दवाओं की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया गया है। ऐसी रिपोर्टें गलत और अस्पष्ट है। मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्टों में प्रदेश में उजागर की गई टीबी रोधी दवाओं के भंडारण की स्थिति और मात्रा स्पष्ट की। इसके मुताबिक लेवोफ़्लॉक्सासिन की मात्रा 28,85,176, क्लोफ़ाज़िमाइन की 12,86,360, पाराजिनमाइड की 2,72,99,242, साइक्लोसोरिन की 14,79,857, लिनोजोलिद की 9,95,778 मात्रा में उपलब्ध है।