प्रतियोगिता: वाइस ऑफ बीएसएफ प्रतियोगिता जरिए लोगों के सामने आएंगे सुरीले जवान, होंगे पुरस्कृत
- 28, 29 फरवरी को मुंबई में मुकाबले के बाद होंगे पुरस्कृत
- सीमा पर जवानों के मनोरंजन के लिए ‘सलामी’ नाम का कार्यक्रम
- विजेता जवानों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की सीमा पर डटे सीमा सुरक्षा बल के जवानों को लेकर लोगों के मन में छवि होती है कि अपने काम के प्रति सजग होने के साथ सख्त मिजाज होंगे लेकिन पिछले कई वर्षों से सीमा पर जवानों के मनोरंजन के लिए ‘सलामी’ नाम का कार्यक्रम आयोजित करने वाले संतोष परब ने देखा कि कई जवान पेशेवर गायकों से भी अच्छा गाते हैं। इसके बाद इस साल से बीएसएफ के जवानों और अधिकारियों के लिए ‘वाइस ऑफ बीएसएफ’ नाम की एक गायन प्रतियोगिता शुरू की गई है।
शुरुआत में ऑनलाइन होने वाली इस प्रतियोगिता का सेमीफाइनल और फाइनल 28 और 29 फरवरी को मुंबई में होगा जहां विजेता जवानों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। कार्यक्रम आयोजित करने वाली मुक्ता इवेंट्स एंड हॉस्पिटैलिटी प्रायवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष परब ने कहा कि हमने साल 2002 से राजा पाटील की अगुआई में सीमा पर जाकर जवानों के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम करने शुरू किए। शुरुआत में काफी मुश्किलें और आर्थिक तंगी थी लेकिन हमने जम्मू कश्मीर बॉर्डर पर तैनात सैनिकों का वहां जाकर मनोरंजन किया।
सीमा की हिफाजत के लिए ज्यादातर जगहों पर बीएसएफ तैनात होती है इसलिए 2015 से यह कार्यक्रम बीएसएफ के जवानों के मनोरंजन के लिए शुरू कर दिया गया। परब ने बताया कि कार्यक्रमों के दौरान बीएसएफ के जवान आकर हमसे कहते थे कि वे स्टेज पर गाना चाहते हैं। हमने उन्हें सुना तो लगा कि उनकी आवाज अच्छी है। इसके बाद दिल्ली मुख्यालय से इस प्रतियोगिता की इजाजत ली गई। संस्था अपने खर्च पर जवानों की संगीत प्रतियोगिता का आयोजन करेगी और उन्हें पुरस्कृत करेगी।
परब ने बताया कि इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए एकता मंच के अध्यक्ष व प्रिंसिपल अजय कौल और गायिका माधुरी नारकर के स्वर्णस्वर फाउंडेशन से भी सक्रिय सहयोग मिल रहा है।
इसके अलावा गुजरात के बाडमेर, गडरा, नाडाबेट, दांतीवाडा, मेहसाना, गांधीधाम, भुज और गांधीनगर में बीएसएफ के जवानों के मनोरंजन के लिए 1 से 11 फरवरी के बीच ‘सलामी’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।