आरोप-प्रत्यारोप: परीक्षा के अगले दिन मिला हॉल टिकट, छात्रा और कॉलेज ने एक दूसरे को बताया जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महानगर के विक्रोली इलाके में स्थित इंदिरा गांधी कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स की छात्रा का आरोप है कि उसे परीक्षा के बाद हॉल टिकट उपलब्ध कराया गया जिसके चलते उसका एक साल खराब हो सकता है। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा मयूरी राठोड पांचवें सत्र के भारत का मध्यकालीन इतिहास विषय में असफल हो गई थी। छात्रा को विषय की पुनर्परीक्षा देनी थी। मयूरी ने कहा कि मैं नियमित तौर पर कॉलेज जाकर परीक्षा को लेकर पूछताछ कर रही थी लेकिन संबंधित कर्मचारी मई में परीक्षा होने की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हॉल टिकट भी अभी नहीं आया है।
मैंने कॉलेज के यह भी जानकारी दी कि दूसरे महाविद्यालयों में परीक्षाएं हो रहीं हैं तो मुझे बताया गया कि वे महाविद्यालय दूसरे विश्वविद्यालय से संबंधित हैं। मैं विश्वविद्यालय गई तो वहां से पता चला कि हॉल टिकट 17 अप्रैल को कॉलेज में भेज दिया गया है। मैंने 18 अप्रैल को भी इसे लेकर पूछताछ की थी लेकिन कॉलेज से जुड़े लोगों ने हॉल टिकट न आने की बात कही थी। कॉलेज प्रबंधन को 20 अप्रैल तक पता ही नहीं था कि हॉल टिकट भेजा जा चुका है। मैंने 20 अप्रैल को जब कॉलेज में बताया तब उन्होंने जांच की और हॉल टिकट आने की जानकारी दी। मैंने हॉल टिकट देखा तो दंग रह गई क्योंकि मेरी परीक्षा 19 अप्रैल को ही हो चुकी थी।
छात्रा को होना चाहिए था सजग-प्रिंसिपल म्हात्रे
मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र म्हात्रे ने कहा कि हमें हॉल टिकट 17 अप्रैल की रात 9 बजकर 7 मिनट पर मिला था। उस दिन राम नवमी थी। 18 तारीख को हमने हॉल टिकट डाउनलोड किया लेकिन छात्रा सुबह साढ़े 7 बजे ही आकर चली गई थी और कर्मचारी इतनी सुबह नहीं आते। इसके बाद छात्रा 20 अप्रैल को आई और जब उसे पता चला कि परीक्षा हो चुकी है तो उसने कॉलेज पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश की जबकि टाइम टेबल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पहले ही जारी हो चुका होता है इसकी जांच करना विद्यार्थी की जिम्मेदारी होती है। कॉलेज में भी टाइमटेबल लगाया जाता है। इसके साथ विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से पीआरएन नंबर डॉलकर खुद हॉल टिकट डाउनलोड कर सकते हैं। दरअसल छात्रा को किसी ने बता दिया था कि परीक्षा 22 अप्रैल को है जिस पर भरोसा कर वह 20 अप्रैल को हॉल टिकट लेने आई।