संभाजी राजे की मांग: केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से कहा- मराठों को पिछड़ा साबित करने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मार्गदर्शक दिशानिर्देश दिए जाए

  • मराठों को पिछड़ा साबित करने के लिए दिए जाए दिशानिर्देश
  • संभाजी राजे की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-28 16:23 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मचे बवाल के बीच पूर्व सांसद संभाजी राजे ने मंगलवार को मराठा समुदाय को कानूनी रूप से टिकने वाला आरक्षण मिले इसके लिए मराठा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने आयोग से मराठों को पिछड़ा साबित करने के लिए हमारे अनुरोध के मुताबिक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मार्गदर्शक दिशानिर्देश देने की मांग की।

आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र सदन में संभाजी राजे ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मराठाओं को कानूनी रूप से टिकने वाला आरक्षण मिलने के लिए चार प्रमुख मुद्दों प्रश्नों की ओर आयोग का ध्यान आकर्षित किया, जिस पर आयोग ने गंभीरता से गौर किया। पहला मुद्दा यह रखा कि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय के आरक्षण के फैसले में समुदाय के शैक्षणिक और नौकिरयों में प्रतिनिधित्व की गणना कुल सौ प्रतिशत के अनुसार ध्यान में लेना चाहिए था, लेकिन 48 प्रतिशत (सामान्य वर्ग) से मराठाओं के प्रतिनिधित्व की गणना की। इस मानदंड अपनाने के कारण मराठाओं का पिछड़ापन साबित करने में समस्या निर्माण हुई है। इसे बदलना आवश्यक है। अन्यथा इसका ओबीसी के आरक्षण पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए इसे बदलने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करने की आयोग से मांग की गई।

राजे ने कहा कि किसी राज्य में अपवादात्मक परिस्थिति साबित करने के लिए जो मानदंड तय किए है वे 1992 के है। उस समय के मानदंड मौजूदा समय में लागू नहीं हो सकते। इसलिए वर्तमान परिस्थिति के अनुसार मानदंड बदले जाने की भी आयोग से मांग की गई। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक में मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिया जा रहा है। ऐसे में अगर इन राज्यों में मराठा समाज को कानूनी रूप से टिकने वाला आरक्षण मिल रहा है तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? ऐसा सवाल भी उन्होंने उठाया। राजे ने इस दौरान महाराष्ट्र सरकार पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को फंड देने में कोताही बरतने का भी आरोप लगाया।

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