स्कूली शिक्षा विभाग: दिशानिर्देश - महाविद्यालयों में पढ़ने वाले हर बालिग छात्र को मतदाता बनाने उठाएं कदम

  • चुनावी जागरूकता के लिए भी करें कार्यक्रम
  • स्कूली शिक्षा विभाग ने जूनियर कॉलेजों के लिए जारी किए दिशानिर्देश
  • हर बालिग छात्र को मतदाता बनाने उठाएं कदम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 15:53 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में कोशिश है कि राज्य के शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले बालिग विद्यार्थी न सिर्फ चुनावी प्रणाली की जानकारी दी जाए बल्कि उन्हें मतदाता भी बनाया जाए। इसके लिए चुनावी साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने कनिष्ठ और समकक्ष महाविद्यालयों में इस कार्यक्रम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दरअसल स्कूली शिक्षा विभाग ने चुनाव आयोग के साथ समझौता किया है जिसके मुताबिक पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को जागरूक किया जा रहा है।

स्कूली शिक्षा विभाग ने महाविद्यालयों को कहा है कि वे उपलब्ध जानकारी के आधार पर 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष के हो रहे विद्यार्थियों का नाम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराएं। साथ ही ऐसी प्रणाली विकसित करें जिससे 18 साल के हर विद्यार्थी को मतदाता पहचानपत्र मिल जाए। महाविद्यालयों को इलेक्टोरल लिट्रेसी क्लब स्थापित कर विद्यार्थियों को चुनावी प्रक्रिया की जानकारी देने को भी कहा गया है जिससे उनमें मतदान को लेकर उत्साह पैदा हो।

चुनावी साक्षरता कार्यक्रम के लिए नोडल टीचर नियुक्त करने, चुनावी प्रक्रिया समझाने वाली आसान शैक्षणिक सामग्री विकसित करने, प्रचार-प्रसार के लिए सामग्री तैयार करने और विद्यार्थियों तक पहुंचाने, मॉक मतदान की व्यवस्था करने, वीवीपैट की जानकारी देने, चुनाव आयोग के मोबाइल ऐप की जानकारी देने, 25 जनवरी यानी राष्ट्रीय मतदाता दिन पर कार्यक्रम करने और आयोजनों को गैरराजनीतिक और निष्पक्ष रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा संस्थानों में अक्सर मतदान होते हैं इसलिए उन्हें यह भी कहा गया है कि निर्माण के दौरान ऐसी व्यवस्था रखें कि दिव्यांग भी आसानी से आवागमन कर सकें।

Tags:    

Similar News