मुंबई: हरी झंडी दिखाई - माया नगरी को अब चौबीस घंटे होगी जलापूर्ति, मिलेगा नया जलाशय

  • गारगाई परियोजना की फिर याद आई, मनपा आयुक्त ने काम के लिए हरी झंडी दिखाई
  • मुंबई की पेयजल समस्या का होगा निदान
  • 450 मिलियन लीटर अतिरिक्त पानी मिलेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-18 01:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चौबीस घंटे जलापूर्ति करने के लिए गारगाई परियोजना को फिर शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। मुंबई महानगर पालिका (मनपा) आयुक्त डॉ. भूषण गगरानी और अतिरिक्त आयुक्त (परियोजना) अभिजीत बांगर ने इस परियोजना पर फिर से काम शुरू करने की मंजूरी दे दी है। मौजूदा समय में मुंबई शहर को सात जलाशयों से चार हजार मिलियन लीटर जलापूर्ति की जाती है। जो चौबीस घंटे पानी की आपूर्ति करने के लिए नाकाफी है। इसके लिए पिंजाल और गारगाई परियोजना बनाई गई थी। गारगाई परियोजना के पहले अपर वैतरणा को 1973 और मध्य वैतरणा को वर्ष 2012 में बनाया गया था। उसके बाद से कोई नया जलाशय नहीं बना है।

दो अनुमति का इंतजार

जलाशयों में इकट्ठा बारिश के पानी से मुंबई शहर में जलापूर्ति होती है। शहर के कुछ हिस्से में एक बार और कुछ स्थानों पर दो बार मुंबई मनपा के द्वारा जलापूर्ति की जाती है। ऐसे में शहर को 24 घंटे जलापूर्ति करने के लिए पिंजाल और गारगाई परियोजना बनाई गई थी। लेकिन मनपा में सत्तारुढ़ शिवसेना (संयुक्त) ने इन दोनों परियोजनाओं को इसलिए बंद कर दिया कि यहां पर बड़े पैमाने पर पेड़ों को काटना पड़ता।

गारगाई से रोजाना मिलेगा 450 एमएलडी पानी

मनपा अधिकारी ने बताया कि गारगाई जलाशय बनाने के लिए सात में से पांच अनुमति मिल चुकी हैं। लेकिन तानसा वाइल्ड लाइफ और वन विभाग की अनुमति मिलनी बाकी है। परियोजना का ट्रांसमिशन सेंटर बनकर तैयार है, तीन किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाने के बाद मुंबई को प्रतिदिन 450 मिलियन लीटर पानी मिलना शुरू हो जाएगा।

तीन लाख पेड़ बने बाधा

गारगाई परियोजना में तीन लाख पेड़ बाधा बने हुए हैं। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि एक भी पेड़ काटे नहीं जाएंगे। गारगाई के कैचमेंट एरिया में पेड़ों के पानी के भीतर डूब जाने से उन्हें नुकसान पहुंचेगा। इसके बदले वहीं पर दोगुना पेड़ लगाने की योजना भी मनपा ने तैयार की है। इसके अलावा यहां पर तीन बस्ती भी हैं, जिन्हें हटाने की आवश्यकता है। इस परियोजना की जिम्मेदारी नाशिक स्थित सेंट्रल डैम ऑर्गनाइजेशन के पास है। गारगाई का कैचमेंट एरिया करीब 500 हेक्टेयर क्षेत्र में रहेगा। इसमें कुल 1 लाख 60 हजार मिलियन लीटर पानी एकत्र किया जा सकता है। जिससे प्रतिदिन 450 मिलियन लीटर पानी आपूर्ति की जा सकती है।

गारगाई परियोजना की रूपरेखा

- कुल लागत 32 हजार करोड़ रुपए

- नॉन फॉरेस्ट लैंड 181.01 हेक्टेयर

- कैचमेंट एरिया 657 हेक्टेयर

- विस्थापित होंगे 181 परिवार

- कैचमेंट एरिया में चले जाएंगे 3 लाख पेड़

- मुंबई को प्रतिदिन मिलेगा 450 एमएलडी पानी

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