पहल: शाकाहारी और मांसाहारी की पहचान के लिए विद्यार्थियों के आईकार्ड पर बनेंगे हरे और लाल निशान
- पोषाहार योजना में आसानी के लिए स्कूली शिक्षा विभाग की पहल
- 40 फीसदी शाकाहारी तो सबको मिलेंगे फल
- विद्यार्थियों के आईकार्ड पर बनेंगे हरे और लाल निशान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पहचान पत्र देखकर यह पता लग जाएगा कि वे शाकाहारी हैं या मांसाहारी। दरअसल प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत शाकाहारी विद्यार्थियों को फल जबकि मांसाहारी विद्यार्थियों को अंडे देने का फैसला किया गया है लेकिन विद्यार्थियों को इसे बांटने के दौरान गड़बड़ी हो सकती है। इसे रोकने के लिए फैसला किया गया है कि जिस तरह शाकाहारी उत्पादों पर हरे गोले और मांसाहारी उत्पादों पर लाल गोले बनाए जातें हैं उसी तरह शाकाहारी विद्यार्थियों के पहचान पत्र पर हरा जबकि मांसाहारी विद्यार्थियों के पहचान पत्र पर लाल निशान बनाया जाएगा जिससे फल और अंडे बांटते समय किसी तरह का भ्रम न हो। अभिभावकों की सहमति लेकर उनकी इच्छा के मुताबिक विद्यार्थियों को अंडे या फल दिए जाएंगे और उसके मुताबिक पहचान पत्र तैयार किए जाएंगे। शाकाहारी विद्यार्थियों को खाने के लिए केला देने की योजना है साथ ही अपवादात्मक परिस्थितियों में दूसरे स्थानीय फल भी विद्यार्थियों को मुहैया कराए जा सकते हैं। बुधवार को राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ा शासनादेश जारी किया है।
40 फीसदी शाकाहारी तो सबको मिलेंगे फल
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन शहरी स्कूलों में 40 फीसदी या उससे ज्यादा विद्यार्थी फल की मांग करेंगे वहां किसी भी विद्यार्थी को अंडे नहीं दिए जाएंगे और सभी विद्यार्थियों को केले या दूसरे मौसमी फल दिए जाएंगे। स्कूल प्रबंधन को विद्यार्थियों को निर्देश के मुताबिक पहचान पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने यह भी साफ किया है कि प्रति विद्यार्थी 5 रुपए तक के केले या दूसरे स्थानीय फल विद्यार्थियों को दिए जा सकते हैं। राज्य के शहरी इलाके के स्कूलों में इस्कॉन से जुड़ी अन्नामृत फाउंडेशन और अक्षयपात्र के जरिए विद्यार्थियों को केले और अपवादात्मक स्थिति में दूसरे फल उपलब्ध कराए जाएंगे इसके अलावा महिला बचत गुटों की भी पोषक आहार योजना लागू करने में मदद ली जाएगी।