निर्देश: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा - समय पर घोषित करें परीक्षा नतीजे विद्यार्थियों को न हो परेशानी
- राज्यपाल रमेश बैस का विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश
- सीईटी सेल की तरह पहले घोषित करें परीक्षा की तारीख-पाटील
डिजिटल डेस्क, मुंबई. विद्यार्थियों का शैक्षणिक साल खराब न हो और उनसे नौकरी के मौके न छूटे इसके लिए पाठ्यक्रम समय पर पूरा कर नतीजे भी निर्धारित समय में घोषित किए जाए। राज्यपाल और कुलाधिपति रमेश बैस ने एक बार फिर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को यह निर्देश दिए हैं। गुरुवार को राजभवन में कुलपति संयुक्त मंडल की बैठक के दौरान इसकी अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल बैस ने यह बात कही। इससे पहले मई 2023 में भी राज्यपाल ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि नतीजों में देरी के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। राज्यपाल बैस ने कहा कि विश्वविद्यालय समाज परिवर्तन का माध्यम हैं इसलिए ग्रामीण इलाके के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दस गांव गोंद लेना चाहिए और उनके सामाजिक विकास पर ध्यान देना चाहिए।
इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर नशामुक्त रखने और विद्यार्थियों के बीच पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ ओलंपिक विजेता खिलाड़ी तैयार करने और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर जोर देने को भी कहा। राज्यपाल बैस ने महाविद्यालयों को भी सलाह दी कि वे साथ आकर क्लस्टर यूनिवर्सिटी बनाने का प्रयास करें उन्होंने कुलपतियों से कहा कि नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर विश्वविद्यालयों ने जो कदम उठाएं हैं उसर सविस्तार रिपोर्ट पेश करें। उन्होंने एनआईआरएफ रैंकिंग में भी राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को शामिल होने को कहा।
सीईटी सेल की तरह पहले घोषित करें परीक्षा की तारीख-पाटील
बैठक में शामिल उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि जिस तरह सीईटी सेल ने परीक्षा की तारीखों का पहले ही ऐलान कर दिया है उसी तरह विश्वविद्यालयों को परीक्षा की तारीखों की अग्रिम घोषणा करनी चाहिए और नतीजे समय घोषित करने चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जर्मनी को चार लाख कुशल कर्मचारियों की जरूरत है और राज्य सरकार इसके लिए जर्मनी सरकार से समझौता करने जा रही है। जर्मनी की कंपनियां इंटरव्यू के जरिए कर्मचारियों का चयन करेंगी। सरकार विद्यार्थियों के जर्मनी जाने की व्यवस्था करेगी और वहां तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर किसी वजग से विद्यार्थी का चयन नहीं हुआ तो भी उसे तीन महीने का भत्ता मिलेगा। इस दौरान कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने कहा कि विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए सभी महाविद्यालयों में कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे।