आरटीई: दाखिला लेने वाले प्रति छात्र के लिए 17,670 रुपए स्कूलों को भुगतान करेगी सरकार
- प्रति छात्र के लिए होगा भुगतान
- स्कूलों को भुगतान करेगी सरकार
- आरटीई के तहत दाखिला मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र के दौरान आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के जिन बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा उनके लिए प्रति छात्र 17670 रुपए का भुगतान करेगी। बुधवार को स्कूली शिक्षा विभाग ने इससे जुड़ा शासनादेश जारी किया है। पिछले शैक्षणिक सत्र के दौरान राज्य सरकार प्रति छात्र 17620 रुपए का भुगतान करती थी। यानी सरकार ने इस साल प्रति छात्र स्कूलों को 50 रुपए ज्यादा भुगतान का फैसला किया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर स्कूल की वास्तविक फीस इससे कम होगी तो भुगतान उतना ही होगा। संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे भुगतान से पहले इस बात की जांच करे कि स्कूल पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों से सालाना कितने रुपए फीस ले रहा है। इसकी जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर भी होनी चाहिए। इसके अलावा स्कूल के पास आरटीई की मान्यता भी होनी चाहिए। सरल पोर्टल पर जिन विद्यार्थियों का आधार कार्ड दर्ज होगा उनके लिए ही सरकार फीस चुकाएगी। महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन (मेस्टा) के संस्थापक अध्यक्ष संजयराव पाटील ने कहा कि परेशानी यह है कि सरकार फीस तो तय कर देती है लेकिन भुगतान नहीं करती। आरटीई का बकाया 1800 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है और कई बार विरोध प्रदर्शन के बावजूद पैसे नहीं दिए जा करे हैं। हमारी मांग है कि सरकार पहले बकाए का भुगतान करे। बता दें कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला दिया जाता है जिनकी फीस राज्य और केंद्र सरकार मिलकर चुकाते हैं।
राज्य में तीन नए सूचना आयुक्त नियुक्त
राज्य के सूचना आयुक्त पद पर मकरंद रानडे, डॉ. प्रदीप कुमार व्यास और शेखर चन्ने की नियुक्ति की गई है। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी किया है। इन तीनों सूचना आयुक्त का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने के दिन से 3 साल तक अथवा उनके आयु के 65 साल तक पूरा होने तक (इसमें से जो पहले होगा) तब तक रहेगा। सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत यह नियुक्ति की है।