मराठा आरक्षण: मुंबई कूच की तैयारी, जरांगे-पाटील ने कहा - 19 जनवरी तक सरकार बुलाए विधानमंडल का विशेष सत्र
- सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत में नहीं निकला हल
- 19 जनवरी तक सरकार विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर दे आरक्षण
- जरांगे-पाटील ने मुंबई कूच का जारी किया कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे-पाटील ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। सोमवार को जरांगे-पाटील ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हजारों मराठा भाईयों के साथ वह 20 जनवरी को अंतरवाली सराटी से मुंबई के लिए प्रस्थान करेंगे। यह यात्रा अंतरवाली सराटी से बीड, अहमदनगर, पुणे, लोनावला, नवी मुंबई होती हुई 26 जनवरी को मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचेगी। इसके बाद उसी दिन से भूख हड़ताल शुरू होगी।
पाटील से राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल बच्चू कडू और मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी मंगेश चिवटे ने मुलाकात की, लेकिन इस मुलाकात में मुंबई कूच को लेकर कोई हल नहीं निकल सका। जरांगे-पाटील ने कहा कि 20 जनवरी को हम अंतरवाली सराटी से निकलेंगे। प्रतिदिन सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक पैदल चलेंगे। जो चल सकता है वह पैदल चले। जिसे नहीं चलना है वह गाड़ी में बैठकर चले। हमें शिवाजी पार्क और आजाद मैदान दोनों की जरूरत पड़ेगी।
जिस जिले से यात्रा निकलेगी उस जिले के लोग जिले की सीमा तक ही रहेंगे। उसके बाद अगले जिले के लोग यात्रा में जुड़ेंगे। जरांगे-पाटील ने कहा कि जैसे ही यात्रा पुणे पहुंचेगी, मराठा समुदाय के एक करोड़ से ज्यादा लोग यात्रा में शामिल होंगे। इसके अलावा मुंबई जाने के लिए सभी प्रकार के वाहन और सामान साथ ले जाना होगा।
स्वयंसेवक के रूप में काम करें, नशा न करें
इस यात्रा में शामिल होने वाले लोगों से अपील करते हुए जरांगे-पाटील ने कहा कि मुंबई जाकर किसी को भी नशे का सेवन नहीं करना है। सभी को एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना होगा। जिनके पास पानी के टैंकर हैं और बिजली का जनरेटर है, वह साथ लेकर चलें। मराठा समाज से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों के लिए मुंबई जाना होगा। राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल बच्चू कडू और मंगेश चिवटे से मुलाकात के बाद जरांगे ने कहा कि सरकार के पास 19 जनवरी तक का समय है।
सरकार विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर मराठा समाज को आरक्षण दे सकती है। जरांगे-पाटील से कडू और चिवटे की मुलाकात में मुंबई कूच को लेकर कोई हल नहीं निकल सका।