पीएम-सीएम रोजगार कार्यक्रम के तहत तैयार उत्पादों की होगी सरकारी खरीद
- उत्पादों की होगी सरकारी खरीद
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल(बोर्ड) अब सरकार के अलग-अलग विभागों की वस्तुओंकी आपूर्ति करेगा। इसके लिए राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल ने 250 से ज्यादा वस्तुओं की नई दरों को निश्चित किया है। इससे प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और मुख्यमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम (सीएमईजीपी) जैसी योजनाओं के जरिए कर्ज लेकर उत्पाद तैयार करने वाले लघु उद्यमियों को इसका बड़ा फायदा हो सकेगा।
इन योजनाओं के जरिए छोटे उद्यमियों को उद्योग शुरू करने के लिए 50 लाख रुपए तक कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल के सहायक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (विपणन) नित्यानंद पाटील ने "दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल ने वस्तुओं की नई दरों को राज्य सरकार की उच्चाधिकार समिति के पास प्रस्ताव भेजा है। इसके आधार पर उच्चाधिकार समिति वस्तुओं की दरों को अंतिम मंजूरी देगी। जिसके बाद वस्तुओं की दरों को सरकार की ओर से वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसके राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल सरकारी विभागों को 3 करोड़ रुपए तक के ठेके के लिए सीधे वस्तुएं उपलब्ध करा सकेगा। जबकि 3 करोड़ रुपए से अधिक ठेके के लिए ई-टेंडर में शामिल हो सकेगा। यदि राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल की ई-टेंडर की दर सबसे कम (एल-वन) नहीं होगी तब भी सरकार के संबंधित विभाग राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल से वस्तुओं की आपूर्ति के बारे में पूछेगा। यदि राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल वस्तुओं की आपूर्ति के लिए तैयार होगा तो सरकार के संबंधित विभाग को कुल मांग की 30 प्रतिशत आपूर्ति का ठेका खादी बोर्ड को देना अनिवार्य होगा।
पाटील ने कहा कि राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल के कर्ज योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों को बोर्ड के जिला में ऑनलाइन पंजीयन कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे छोटे उद्यमी राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडलके विपणन व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं। छोटे उद्यमी उत्पाद राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल के जरिए सरकारी विभागों को उत्पाद बेच सकेंगे। पाटील ने कहा कि आगामी समय में छोटे उद्यमी के उत्पाद को ऑनलाइन बेचने के लिए एक पोर्टल पर तैयार करने की योजना है। पाटील ने कहा कि राज्य सरकार ने साल 1992 में राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल की 19 वस्तुओं के लिए आरक्षण लागू किया था। इन वस्तुओं की दरें सरकार की उच्चाधिकार समितितय करती थी। जिसके बाद सरकार के विभिन्न विभाग निर्धारित दर पर राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडलसे बिना टेंडर के वस्तुओं की खरीदी करते थे। लेकिन साल 2015 में राज्य सरकार ने सरकारी खरीदी के लिए ई-टेंडर लागू करने का फैसला लिया था। लेकिन विभिन्न शर्तों और नियमों के कारण राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल ई-टेंडर में हिस्सा नहीं ले पा रहा था। क्योंकि छोटे उद्यमियों का टर्नओवर बहुत कम होता है। इसके मद्देनजर राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडलने सरकार से नियमों में ढील देने की मांग की थी।
उत्पादित वस्तुओं की दर
वस्तुएं दर (प्रति नग)
गद्दा - 2516
सर्जन ड्रेस - 850
स्कूल गणवेश - 285
तौली -320
बेडशीट - 355
ऑफिस टेबल - 12218
मंत्रालय कुर्सी -12500