जानिए क्या होगा मरीजों को फायदा: ई-अस्पताल सेवा से जुड़ेंगे सरकारी मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल
- मरीजों को घर बैठे मिलेगा डॉक्टर से अपाइंटमेंट
- कतार की झंझट होगी कम
- बिना लाइन ओपीडी में सीधे दिखा सकेंगे मरीज
डिजिटल डेस्क, मुंबई मोफीद खान। राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आनेवाले सभी अस्पतालों को ई-अस्पताल सेवा से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। अगले कुछ महीनों में यह सेवा शुरू होगी। इससे मरीजों को सहूलियत होगी। डॉक्टर से मिलने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मरीज या परिजन ऑनलाइन तरीके से घर बैठे अपाइंटमेंट ले सकते हैं। तय समय पर मरीज अस्पताल की ओपीडी में जा सकते हैं। मरीजों को अस्पताल की लंबी कतार से निजात मिलेगी।
राज्य सरकार के जेजे सहित 16 अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2009 में शुरू हुई स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) 5 जुलाई, 2022 को बंद कर दी गई थी। अब यह सुविधा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के मार्फत उपलब्ध कराई जाएगी। एनआईसी की ई-अस्पताल सेवा वेब-आधारित एप्लीकेशन है जो स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचएमआईएस) के रूप में काम करता है।
मरीजों को यह होगा फायदा
मरीजों को ऑनलाइन पंजीयन, भुगतान, प्रेस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट, फार्मेसी पर्ची, ओपीडी कार्ड, एडमिशन टिकट, डिस्चार्ज समरी मोबाइल पर मिल सकेगी। वह डॉक्टर की उपलब्धता, विशेष क्लीनिक का समय और ब्लड बैंक आदि की जानकारी आसानी से ले सकेंगे। सॉफ्टवेयर से रोगी का आधार, आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट भी जोड़ा जाएगा। वहीं, मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयां आसानी से मिलेंगी। दवा की एक्सपायरी सूची भी देखी जा सकेगी।
अन्य अस्पताल के डॉक्टर भी देख सकेंगे
ई-अस्पताल सेवा के कई फायदे हैं। इसके जरिए मरीजों का ऑनलाइन रेकॉर्ड कम्प्यूटर पर मौजूद होगा। अगर किसी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर मरीज को अन्य सरकारी अस्पताल में रेफर करते हैं तो उस अस्पताल का डॉक्टर भी ऑनलाइन रिपोर्ट देख सकेगा। अगर किसी दूसरे अस्पताल में मरीज को दिखाना होगा, तो वह सिर्फ अपना यूआईडी नंबर बताकर डॉक्टर को दिखा सकेगा। दावा है कि इस सेवा से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को फायदा होगा। ऐसे मरीजों की केस हिस्ट्री होगी तो डॉक्टर उसे ऑनलाइन देख सकेंगे।
150 से अधिक कर्मचारियों को ट्रेनिंग
चिकित्सकीय शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ई-अस्पताल प्रणाली को लेकर बुधवार को जेजे अस्पताल में 52 संस्थानों के 150 से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।