बॉम्बे हाईकोर्ट: देवनार में मुस्लिम समाज के लिए कब्रिस्तान को लेकर सरकार और बीएमसी को लगी फटकार
- (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की प्राइवेट जमीन और रफीक नगर की जगह को लेकर मांगा जवाब
- 21 जून को मामले की अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को देवनार में मुस्लिम समाज के लिए कब्रिस्तान की जगह अभी तक उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार और मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि देवनार कब्रिस्तान के लिए भूमि देने का निर्देश दिए 7 महीने से अधिक का समय हो गया। अभी तक ट्रांजिट कैंप की 2977.54 वर्ग मीटर की जगह को कब्रिस्तान के लिए नहीं दिया गया है। ट्रांजिट कैंप के अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सटी ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की जमीन और रफीक नगर की जगह को लेकर क्या प्रयास किया गया है? यह तो अदालत के आदेश की अवमानना है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ के समक्ष गोवंडी निवासी अब्दुल रहमान शाह, वकील शमशेर अहमद खान और वकील अल्ताफ खान की दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने सरकार और बीएमसी को हलफनामा दाखिल यह जवाब देने को कहा है कि ट्रांजिट कैंप, हिंदुस्तान पेट्रोलियम से सटी ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की जमीन और रफीक नगर की जगह को कब्रिस्तान के लिए दिए जाने को लेकर क्या प्रयास किया गया है? सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अनिक गांव में ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) की प्राइवेट जमीन को कब्रिस्तान के लिए अधिग्रहण को लेकर बातचीत हो गयी है। बीएमसी को इस जमीन के अधिग्रहण 30 फीसदी रकम देना है। जबकि ट्रांजिट कैंप की जगह को देवनार कब्रिस्तान के लिए दे दिया गया है।