आदेश जारी: उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को मिले 3 महीने का कराटे प्रशिक्षण
- सुरक्षा के मद्देनजर उच्च शिक्षा निदेशक ने दिए निर्देश
- छात्राओं को दिया जाए तीन महीने का कराटे प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य के गैरकृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां पढ़ने वाली छात्राओं को तीन महीने कराटे का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करे। उच्च शिक्षा के निदेशक डॉ शैलेंद्र देवलाणकर ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। हालांकि यह कदम नया नहीं है और राज्य सकरा ने 10 साल पहले यानी 2014 में जो तीसरी महिला नीति घोषित की थी उसमें ही सुरक्षा के मद्देनजर शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को तीन महीने कराटे प्रशिक्षण देने का प्रावधान था। शैक्षणिक संस्थाओं को प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी थी लेकिन यह नीति घोषणा के बाद फाइलों तक सीमित रह गई।
मामले में सुराज्य निर्माण सेना के अध्यक्ष अमर एकाड ने उच्च शिक्षा के निदेशक को पत्र लिखकर प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी जिसके बाद देवलाणकर ने फिर से आदेश जारी किया है। राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या 12 लाख से ज्यादा है जिसके प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी। एकाड ने कहा कि पिछले वर्ष जून महीने में मुंबई के चर्नी रोड इलाके में एक हॉस्टल में जिस तरह छात्रा के साथ दुराचार के बाद उसकी हत्या की गई थी उससे साफ पता चलता है कि छात्राओं को कराटे की ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे अपनी सुरक्षा कर सके। इसके बाद भी लगातार छात्राओं को निशाना बनाए जाने के मामले सामने आते रहते हैं इसीलिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है।
स्कूलों में भी मिले प्रशिक्षण
राज्य के स्कूलों में भी 1 करोड़ से ज्यादा छात्राएं पढ़ाई कर रही है। महिला नीति के मुताबिक उन्हें भी कराटे का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। मामले में शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे से भी आग्रह किया गया है कि वे शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करें।