भीमा कोरेगांव मामला: गौतम नवलखा को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत
- अदालत ने अपने आदेश पर 3 सप्ताह के लिए लगाई रोक
- एजेंसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कर सकती है अपील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से मंगलवार को 2018 के भीमा कोरेगांव दंगा मामले में आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत मिल गई। हालांकि अदालत ने अपने आदेश पर 3 सप्ताह के लिए रोक लगाई लगाई है। इस दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति एस.जी.डिगे की खंडपीठ ने नवलखा पर सह-आरोपी आनंद तेलतुंबडे और महेश राउत की तरह ही मुंबई नहीं छोड़ने की शर्तों पर जमानत दिया है। भीमा कोरेगांव मामले में सुधा भारद्वाज, वरवरा राव, आनंद तेलतुंबडे, वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा के बाद नवलखा जमानत पाने वाले सातवें आरोपी हैं। राव को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी गई थी और राउत अभी भी जेल से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उनकी जमानत याचिका पर रोक बढ़ा दी गई है।
पहले नवलखा को शुरू में जेल में रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता की बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए याचिका स्वीकार कर ली थी। वह नवंबर 2022 से नवी मुंबई स्थित घर में नजरबंद हैं। नवलख मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) के पूर्व सचिव हैं, जिन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। विशेष एनआईए अदालत द्वारा पिछले साल 5 सितंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद नवलखा ने जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।