विशेष मकोका अदालत: होटल व्यवसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले में गैंगस्टर छोटा राजन ठहराया दोषी

  • होटल व्यवसायी जया शेट्टी हत्याकांड
  • पुलिस सुरक्षा के बावजूद की जया शेट्टी की हत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-30 15:04 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की विशेष अदालत ने 2001 में होटल व्यवसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को दोषी ठहराया है। अदालत राजन को जल्द सजा सुना सकता है। राजन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है।

विशेष न्यायाधीश ए.एम. पाटिल ने गुरुवार को राजन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत हत्या के लिए दोषी पाया। गामदेवी में स्थित गोल्डन क्राउन होटल के मालिक जया शेट्टी की 4 मई 2001 की हत्या कर दी गई थी। उन्हें छोटा राजन गिरोह से जबरन वसूली की धमकियां मिल रही थीं। राजन के सारे पर उसके गिरोह के दो सदस्यों ने होटल की पहली मंजिल पर जया को गोली मार दी।

पुलिस सुरक्षा के बावजूद की जया शेट्टी की हत्या

वसूली की धमकियां मिलने के बाद जया शेट्टी को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी। हालांकि उन्होंने हमले से दो महीने पहले अपनी सुरक्षा वापस लेने का अनुरोध किया था। छोटा राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। राजन को बाली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था और 2015 में उसे भारत प्रत्यर्पित कर लाया गया था। उसे तिहाड़ की जेल नंबर 2 में रखा गया है, जिसे हाई-सिक्योरिटी सेल भी कहा जाता है।

फिल्मों के टिकट ब्लैक से बनाया अंडरवर्ल्ड डॉन

राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन मुंबई के चेंबूर इलाके से अपराध की दुनिया में कदम रखा और जल्द ही अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया। अपराध की दुनिया में उसके गुर्गे उसे नाना कहते हैं। शुरुआत में राजन चेंबूर के सहकार टाकिज में फिल्मों के टिकट ब्लैक करता था और छोटे-मोटे अपराधों में शामिल होते-होते संगठित अपराध की दुनिया में कदम रखा। वह पहले कुख्यात गैंगस्टर 'बड़ा राजन' के नेतृत्व वाले राजन नायर गिरोह में शामिल हो गया। नायर की मौत के बाद छोटा राजन ने गिरोह का नेतृत्व संभाला।

दाऊद का करीबी सहयोगियों में था शामिल

कभी दाऊद का करीबी सहयोगी माना जाने वाला छोटा राजन ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद दाऊद से नाता तोड़ लिया था। इस दरार के कारण दोनों गुटों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप मुंबई, दुबई और नेपाल में खून-खराबा हुआ। सालों तक कानूनी एजेंसियों के चंगुल से भागने के बाद 2015 में आखिरकार छोटा राजन को बाली में पकड़ लिया गया। भारत में उसकी हिरासत कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत थी।

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