हाईकोर्ट: दुबई में फ्लैट सस्ते दामों पर दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी, पुनीत को नहीं मिली राहत
- आरोपी पुनीत मधोक को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत
- अदालत ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से किया इनकार
- ओशिवारा पुलिस स्टेशन का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंधेरी के व्यवसायी सुभाष भोईर को दुबई में फ्लैट सस्ते दामों पर दिलाने का झांसा देकर 12 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। अदालत ने कहा कि आरोपी पुनीत मधोक के खिलाफ कथित अपराध करने का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। इसलिए उसकी याचिका खारिज करने योग्य है। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम सी.चांडक की पीठ के समक्ष पुनीत मधोक की याचिका पर सुनवाई हुई।याचिकाकर्ता के वकील निरंजन मुंदरगी ने ओशिवरा पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420 और 34 के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। शिकायतकर्ता सुभाष भोईर द्वारा 19 फरवरी 2013 को दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि जुलाई 2008 में डॉ. दुलीप भोसले और याचिकाकर्ता मधोक उसके (भोईर) के निवास पर मुलाकात की और उसे बताया कि दुबई में फ्लैट सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। ऐसा फ्लैट खरीदने पर दुबई का निवासी वीजा मिलता है।
यदि उस फ्लैट को चार या पांच साल बाद बेचा जाता है, तो उसे दोगुना लाभ होगा। उस फ्लैट की कीमत 40 लाख रुपए होगी, जिसमें से 12 लाख रुपए पहले चरण में भुगतान किए जाने हैं। 29 जुलाई 2008 को याचिकाकर्ता और डॉ.भोसले ने भोईर को अंधेरी के एक रेस्टोरेंट और बार में बुलाया। वह अपने मित्र ओमप्रकाश भाटिया के साथ 12 लाख रुपए लेकर आए और उन्हें फ्लैट के लिए पहली किस्त दी।
याचिकाकर्ता ने डॉ.भोसले के माध्यम से भोईर को फर्जी तीन भुगतान रसीद भेजी, जो 10000 दिरहम, 23750 दिरहम और 33750 दिरहम थीं। बाद में जब भोईर ने याचिकाकर्ता से बिल्डिंग के निर्माण के बारे में पूछा, तो उसे पता चला कि ऐसा कोई निर्माण नहीं हो रहा है। इसके बाद भोईर ने ओशिवरा पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत की। पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की।