फर्जीवाड़ा: उपमुख्यमंत्री के निजी सचिव के नाम पर फर्जीवाड़ा, आरोपी सांगली से गिरफ्तार

  • फडणवीस के ओएसडी का फर्जी ईमेल आईडी बनाया
  • बिजली विभाग के अधिकारियों को ट्रांसफर लेटर भेजा
  • आरोपी सांगली से गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-05 16:47 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. पुलिस की सख्ती के बावजूद साइबर ठगों के हौसले बुलंद हैं। जालसाज ने गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निजी सचिव (ओएसडी) को भी नहीं छोड़ा। शातिरदिमाग ने फडणवीस के ओएसडी के नाम पर फर्जी ईमेल आईडी बना बिजली विभाग के अधिकारियों को तबादला पत्र भेज दिया। इस फर्जीवाड़े में मोटी रकम ऐंठने का मामला सामने आया है। महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने आरोपी मोहम्मद इलियास याकूब मोमिन (40) को सांगली जिले के मिरज से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने स्थानांतरण पत्र भेजने के लिए ओपन वाई-फाई का इस्तेमाल किया। इस वजह से आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी सहित सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

फडणवीस का फर्जी हस्ताक्षर

आरोपी ने उपमुख्यमंत्री के निजी सचिव विद्याधर महाले का एक फर्जी ईमेल आईडी बनाया। इसी आईडी से आरोपी ने बिजली विभाग के 6 अधिकारियों को तबादले का संदेश भेजा। ट्रांसफर लेटर पर उपमुख्यमंत्री का फर्जी हस्ताक्षर भी उसने किया इसका खुलासा तब हुआ जब एक अधिकारी ने इस बारे में ओएसडी महाले से फोन पर बात की।

इन अधिकारियों को भेजा मेल

आरोपी मोमिन ने जिन अधिकारियों को तबादला संदेश भेजा, उनमें बिजली विभाग के उप-कार्यकारी इंजीनियर गणेश असमर भी शामिल हैं, जिन्हें बताया गया कि उनका तबादला भांडुप सिटी सर्कल से पुणे सर्कल किया गया है। इसी तरह सहायक इंजीनियर दुर्गेश जगताप को बताया गया कि उनका तबादला रत्नागिरी सर्कल से कल्याण सर्कल, सहायक अभियंता मनीष धोटे को जलगांव सर्कल से अमरावती सर्कल, यशवंत गायकवाड़ को रत्नागिरी सर्कल से पुणे सर्कल, सहायक अभियंता ज्ञानोबा राठौड़ को नासिक सर्कल से पुणे में प्रस्तावित स्थानांतरण के बारे में सूचित किया गया। सहायक अभियंता योगेश अहेर को नासिक सर्कल से औरंगाबाद सर्कल में भेजा गया था।

अधिकारियों से होगी पूछताछ

पुलिस अधीक्षक (साइबर) संजय शिंत्रे ने बताया कि उक्त छह अधिकारियों से साइबर विभाग पूछताछ करेगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि ट्रांसफर के खेल में कोई आर्थिक लेन-देन हुआ या नहीं। आरोपी मोमिन ठेकेदारी करता है। इससे पहले भी उसके खिलाफ मिरज में एक साइबर अपराध का मामला दर्ज है। आरोपी का मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस को शक है कि इस फर्जीवाड़े में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।

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