बैंक धोखाधड़ी मामला: पूर्व विधायक विवेकानंद पाटील ने जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
- अदालत ने पाटील की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश
- मेडिकल ग्राउंड पर जमानत का किया अनुरोध
डिजिटल डेस्क, मुंबई. शेतकरी कामगार पक्ष पार्टी के पूर्व विधायक विवेकानंद शंकर पाटील ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वह पिछले तीन साल से तलोजा जेल में बंद हैं और कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। अदालत ने 12 अप्रैल को मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाटील को पनवेल के करनाला नागरी सहकारी बैंक में 560 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकलपीठ के समक्ष मंगलवार को विवेकानंद पाटील की ओर से वकील राहुल ठाकुर की दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पाटील के वकील ठाकुर ने दलील दी कि याचिकाकर्ता दस साल से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका लिवर ट्रांसप्लांट भी किया गया है। वह पिछले तीन साल से तलोजा जेल में बंद है। उनका जेल में सही से इलाज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी जाए। पीठ ने पाटील का मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को रखी गई है।
क्या है पूरा मामला
साल 2019-20 में रिजर्व बैंक के कहने पर करनाला नागरी सहकारी बैंक का ऑडिट किया गया, जिसके बाद बैंक में 560 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। आरोप है कि पाटिल ने 67 फर्जी कर्ज खातों के माध्यम से बैंक से करोड़ों रुपए निकाले थे। पहले यह मामला पनवेल शहर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गयी।
ईडी ने इसी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करते हुए पाटील को 15 जून 2021 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में बंद हैं। ईडी ने उनकी और उनके रिश्तेदारों की 152 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है