बॉम्बे हाईकोर्ट: भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता को लगा झटका
- याचिकाकर्ता दीपिका मेहता को बड़ी राहत
- अदालत ने याचिकाकर्ता पर कार्यवाही से लगाई रोक
- नरेंद्र मेहता ने दीपिका के खिलाफ मानहानि की दर्ज कराई थी एफआईआर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने भाजपा की कार्यकर्ता रही दीपिका मेहता को राहत दी है। नरेंद्र मेहता ने दीपिका के खिलाफ मानहानि और धमकी देने की एफआईआर कराई है। दीपिका ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। अदालत ने इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को दीपिका मेहता की ओर से वरिष्ठ वकील अशोक सरावगी और वकील सुशील उपाध्याय की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील सुशील उपाध्याय ने दलील दी कि उन्होंने 13 दिसंबर 2021 में नरेंद्र मेहता के खिलाफ नवघर पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत किया था। पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि नरेंद्र मेहता की शिकायत पर नवघर पुलिस ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मानहानि और धमकी देने की एफआईआर दर्ज की। याचिकाकर्ता का दावा है कि पूर्व विधायक मेहता ने 16 दिसंबर 2021 को अपने पावर का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई।
दीपिका के साथ एफआईआर में सलीम शेख और विजय मोरे को आरोपी बनाया गया है। नरेंद्र मेहता के अपनी शिकायत में दावा किया था कि उनकी मानहानि करने में दीपिका के साथ सलीम और विजय भी शामिल थे, जबकि याचिकाकर्ता का दोनों आरोपियों से कोई संबंध नहीं है। खंडपीठ ने दीपिका की याचिका को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।