महाराष्ट्र: वन विभाग बनाए एलिफेंट सफारी, विदर्भ और कोंकण में खास योजना
- विदर्भ और कोंकण में एक एक सफारी की योजना
- महाराष्ट्र में वन विभाग बनाए एलिफेंट सफारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ’कौशिक’। महाराष्ट्र अपने टाइगर सफारी के लिए जाना जाता है। फिलहाल राज्य में 6 बाघ अभ्यारण्य हैं। अब राज्य में पहली बार दो एलिफेंट सफारी बनाए जायेंगे। पहली हाथी सफारी विदर्भ के गोंदिया भंडारा और दूसरी कोंकण के सिंधुदुर्ग में बनाई जाएगी।
राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने "दैनिक भास्कर' को बताया कि महाराष्ट्र में जंगली हाथी नहीं पाए जाते पर गोंदिया भंडारा के जंगलों में 23 और सिंधुदुर्ग में 8 हाथी हैं। ये हाथी झारखंड और छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र आ गए हैं। ये जंगलों से बाहर जाकर खेती को नुकसान न पहुंचाए इस लिए इनके पुनर्वसन के लिए राज्य के वन विभाग ने दो एलिफेंट सफारी बनाने का फैसला किया है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
दूसरे राज्यों से लंबी दूरी तय कर पहुंचते हैं महाराष्ट्र
पिछले 15 वर्षों में दो राज्यों महाराष्ट्र और गोवा में खासी संख्या में हाथी आ गए हैं। हाल ही में कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में कई सारे हाथी आ गए। पता चला कि ये असम, झारखंड से महाराष्ट्र तक पहुंचे हैं। ये हाथी कोल्हापुर में आजरा-चंदगड होते हुए खानापुर, कनकुंभी व जांबोटी और डोडा मार्ग होते हुए वन क्षेत्र में आए। बता दें कि हाथी पहली बार अक्टूबर 2002 में डोडा मार्ग से सिंधुदुर्ग जिले में पहुंचे थे।
कर्नाटक में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में सबसे कम
देश में हाथियों की संख्या जानने के लिए 2017 में हुई गणना के मुताबिक देशभर के जंगलों में 29 हजार 964 हाथी हैं। इनमें सर्वाधिक 6399 हाथी कर्नाटक में हैं। जबकि महाराष्ट्र में हाथियों की संख्या सिर्फ 6 बताई गई थी। फिलहाल राज्य के जंगलों में करीब 31 हाथी हैं। ये दूसरे राज्यों से भटकते यहां पहुंचे हैं। जानकारों की माने तो देश में हाथियों की संख्या कम हो रही है। हाथियों के संरक्षण में केंद्र सरकार ने 1992 में प्रोजेक्ट एलिफेंट शुरु किया था।