बॉम्बे हाईकोर्ट: विदेशी महिला को उसकी 5 साल की बेटी से मिलवाया, दूसरे मामले में पुणे पुलिस फटकारा
- वकील पिता बेटी को लेकर हुआ था फरार
- पुलिस ने बच्ची और उसके पिता ढूंढ निकाला
- दूसरे मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे पुलिस को लगाई फटकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदेशी महिला ने अपनी 5 साल की बेटी के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में लगाई गुहार लगाई। भारतीय मूल का बेटी का पिता उसे लेकर गायब था। अदालत ने 8 जनवरी को वर्सोवा पुलिस को बच्ची को ढूंढ कर मां को निर्देश दिया था। पुलिस गुरुवार को बच्ची को ढूंढ निकाली और उसे उसकी मां को सौंप दिया गया। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को विदेशी महिला की ओर से वकील दुर्गेश जायसवाल की दायर हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने सरकारी वकील से 5 साल की बच्ची के विषय में पूछता, तो पुलिस ने बच्ची को ढूंढ निकालने की जानकारी दी। अदालत ने 8 जनवरी को परिमंडल-9 के पुलिस उपायुक्त कृष्णकांत उपाध्याय की देखरेख में वर्सोवा पुलिस को विदेशी महिला की बच्ची को ढूंढने का निर्देश दिया था।
पेशे से वकील अमित सुरवसे ने नीदरलैंड की विदेशी महिला से शादी किया था। उनसे पांच साल की बच्ची है। उनका तलाक हो गया है। बच्ची अपनी मां के साथ रहती है। नीदरलैंड की अदालत ने पिता को बच्ची से मिलने की इजाजत दी है। बच्ची की मां उसके पिता से मिलाने के लिए भारत आयी। वह अंधेरी (प.) के एक होटल में अपने माता-पिता के साथ ठहरी थी। बच्ची के पिता बहाने से उसे (बच्ची) को अपने साथ लेकर गए और वापस लेकर नहीं आए। मां अपनी बच्ची और पूर्व पति से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इसके बाद वह ने अपनी बच्ची के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश के बाद वर्सोवा पुलिस हरकत में आयी और पिता के साथ बच्ची को ढूंढ निकाला। बच्ची को उसे उसकी मां को सौंप दिया गया है।
दूसरे मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे पुलिस को लगाई फटकार
वहीं दूसरे मामले में अदालत ने पुणे पुलिस को फटकार लगाई। पुणे पुलिस साल 2011 में हुई बाबुराव मोघेकर की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में पुणे पुलिस को जमकर फटकार लगाई और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को तलब किया है। बाबराव के बेटे संदीप मोघेकर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया है। मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी को रखी गई है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को संदीप मोघेकर की ओर से वकील रेखा मुसडे की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता की वकील ने दलील दी कि 16 मार्च 2011 को पुणे से चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत याचिकाकर्ता के पिता बाबुराव मोघेकर की हत्या कर दी गयी थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया। इस मामले में दो आरोपियों राज उर्फ राजवा राम केशव यादव और बिट्टी उर्फ श्याम बाबू यादव की पहचान हुई थी।
पुलिस ने अदालत में दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद भी चतुरशृंगी पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। याचिकाकर्ता ने अदालत से पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया है। अदालत में चतुरश्रुंगी पुलिस यह बताने में नाकाम रही कि वह आरोपियों को गिरफ्तार करने में क्यों नाकाम रही? इस मामले को सीबीआई को क्यों न सौंप दिया जाए? इस मामले में पुलिस उपायुक्त को तलब किया है।