साजिश!: चिंदी की चिंगारी से इमारत में भड़की आग- 7 की मौत, 69 घायल

  • एसआरए इमारत में लगी आग
  • साजिश की बू आने लगी
  • सात मंजिला एसआरए की 20 वर्ष पुरानी इमारत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-06 14:43 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान. गोरेगांव के मोतीलाल नगर के जय भवानी एसआरए इमारत में लगी आग से अब साजिश की बूं आने लगी है। इमारत के ही कुछ लोगों ने यह आग साजिश के तहत लगाए जाने का आरोप लगाया है। इमारत के परिसर में रखे जानेवाले कपड़े की गठरियों को लेकर निवासियों में विवाद बना हुआ था और इसी गठरियों को बीती रात आग के हवाले झोंक दिया। इसी कपडे की 150 गठरियों की चिन्दी से भड़की आग से फैले धुएं ने 7 लोगों की जान ले ली और 69 लोग घायल हो गए। गोरेगांव के मोतीलाल नगर में स्थित सात मंजिला एसआरए की 20 वर्ष पुरानी इमारत में रात 3 बजे आग लग गई। पालकमंत्री दीपक केसरकर ने आग के फैलने की वजह इमारत के तल मंजिल में रखे कपड़े की गठरी बताई है। इस इमारत में 65 परिवार रहते है। इनमें से अधिकांश वाघरी समाज से जुड़े है जिनका व्यवसाय पुराने कपड़े लेकर बर्तन देना है। इमारत की आग में अपनी बहू नन्दा भोजारिया को खो चुकी मुक्ताबाई महिला ने बताया कि इस इमारत में लिफ्ट तो है लेकिन बंद पड़ी हुई है। इसके अलावा इमारत में पानी की व्यवस्था तक नहीं है। इसके साथ ही इमारत में आग से निपटने के लिए किसी तरह की अग्निरोधक व्यवस्था तक नहीं है। मुक्ता बाई ने बताया कि लिफ्ट की व्यवस्था न होने से सभी लोग अपने कपड़े की गठरी इमारत के तल मंजिल पर एक ही जगह पर रख देते थे। उन्होंने कहा कि इसी गठरी में आग लगाकर कुछ लोग हमें आग के लिए जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहे है। मुक्ताबाई ने बताया कि आग में करीब कपड़े की 150 गठरियां जलकर राख हो गई। इस गठरी में नवरात्रोत्सव के लिए बेचने के लिए लाए गए चनिया चोली के अलावा कुछ पुराने कपड़े भी थे।

रात में सोयी तो सुबह नहीं उठ पायी तलसारिया परिवार की लाडली

इस आग की घटना में मरनेवाले सात लोगों में तलसारिया परिवार की सात साल की मासूम लाडली रिंकल भी थी। रिंकल के बड़े पापा रमेश ने बताया कि रिंकल परिवार में सबसे छोटी होने के कारण वह सबकी चहेती थी। उन्होंने बताया कि उनका छोटा भाई विजय अपने परिवार के साथ चौथे मंजिल पर रहता था। उन्होंने बताया कि आग के बाद पूरी इमारत में धुआं फैल गया था। इस धुएं की वजह से वे समय पर नहीं निकल पाए। जब उन्हें लोगों की सहायता से निकाला गया तो मासूम रिंकल मरी हुई पायी गई। इस हादसे में परिवार के अन्य पांच सदस्य भाई विजय उसकी पत्नी मनीषा, बेटा विक्रम, रौनक और बेटी रिंकू निजी अस्पताल में भर्ती है। रमेश ने बताया कि इनके इलाज के लिए उन्हें अस्पतालों में डिपॉजिट भरना पड़ा।

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इस हादसे में इमारत के चौगुले परिवार की 18 वर्षीय तिशा भी बच नहीं पाई। तिशा का परिवार इमारत की पहली मंजिल पर रहता था। पिता संजय चौगुले ने बताया कि हादसे के बाद घर के कई सदस्य फौरन इमारत से खाली उतर आए थे। लेकिन दादी के न दिखने पर उन्हें ढूंढने के लिए तिशा फिर से इमारत में चली गई। हालांकि किसी तरह तिशा अपने घर के पड़ोस में रहनेवाली दादी आकाताई चौगुले को घर से निकालने में सफल रही लेकिन घर बंद करने की चक्कर में वह इमारत में पूरी तरह से फैले धुएं की चपेट में आ गई और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। मामा तानाजी ने बताया कि तिशा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी और उसका सपना इंजीनियर बनने का था लेकिन इस आग में उसका सपना भी जलकर खाक हो गया।

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