मुंबई महानगरपालिका: नाले में कचरा फेंकने पर एक हजार रुपए का वसूला जाएगा दंड, सीसीटीवी से रखेंगे नजर
- नालों में प्लास्टिक फंसने के कारण मानसून में बाढ़ का खतरा
- प्रतिबंध के बाद भी प्लास्टिक सरेआम उपलब्ध
- क्लीनअप मार्शल और सीसीटीवी से रखी जाएगी नजर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई महानगरपालिका ने नालों में कचरा फेंकने वालों से एक हजार रुपए का जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया है। प्लास्टिक में कचरा भरकर नालों में फेंकने से कचरा नाले के जल बहाव को बाधित कर देता है। इससे मानसून में बारिश के पानी की निकासी में परेशानी होती है। इसलिए मानसून से पूर्व मनपा ने मुंबईकरों को आगाह किया है। मनपा कचरा फेंकनेवालों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी और क्लीनअप मार्शल की मदद लेगी।
बारिश के पूर्व की जानेवाली नालेसफाई का काम मुंबई महानगरपालिका (मनपा) कर रही है। मनपा आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 31 मई तक नालों की सफाई का काम पूरा कर लें। 26 जुलाई 2005 को मुंबई में आई भीषण बाढ़ का प्रमुख कारण यह था कि नालों में फेंके गए प्लास्टिक, गद्दे, भंगार बेड, फ्रीज, कपाट के कारण पानी निकासी में दिक्कत हुई थी और शहर में तबाही मच गई।
नाला किनारे क्लीनअप मार्शल होंगे तैनात
इस बार मनपा मुंबई के नालों के आसपास क्लीनअप मार्शल तैनात करने जा रही है। कचरा फेंकने वालों पर सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी। जो भी कचरा फेंकते पाया जाएगा, उससे एक हजार रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा। मुंबई के स्लम इलाकों के नालों में सबसे ज्यादा प्लास्टिक की थैलियां कचरे के साथ खुले नालों में फेंक दी जाती हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए मनपा ने यह कदम उठाया है।
बिक रही प्रतिबंधित प्लास्टिक थैली
मुंबई में 50 माइक्रोन से कम प्लास्टिक की थैलियों की बिक्री, उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उसके बाद भी मुंबई में प्लास्टिक की थैलियों पर कार्रवाई करने में मनपा विफल रही है। प्लास्टिक की थैलियों पर रोक लगाने की जिम्मेदारी मनपा के लाइसेंस विभाग की है। मुंबई शहर में अधिकांश नाले बंद हैं। लेकिन मुंबई उपनगर और स्लम इलाकों में नालों को ढंका नहीं गया है। इस कारण लोग खुले नाले में कचरा फेंक देते हैं।