मुंबई: महानगरपालिका के पिछले 25 वर्षों के वित्तीय प्रबंधन का किया जाएगा ऑडिट - उदय सामंत
- दूसरी मनपा की भी हो जांच- उद्धव ठाकरे
- महानगरपालिका के पिछले 25 वर्षों के वित्तीय प्रबंधन का किया जाएगा ऑडिट
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य की शिंदे सरकार ने मुंबई महानगरपालिका के पिछले 25 साल के वित्तीय लेनदेन की जांच के आदेश दिए हैं। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मंगलवार को जानकारी दी कि सरकार ने मुंबई मनपा के पिछले 25 वर्ष के कामकाज लेकर श्वेत पत्र भी जारी करने का निर्णय लिया है। सामंत ने कहा कि इससे शिवसेना (उद्धव) के कार्यकाल में हुए घोटालों का पता लग सकेगा। शिंदे सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से ठाकरे गुट के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में हिम्मत है तो राज्य की दूसरी महानगरपालिकाओं की भी जांच कराई जाए।
उदय सामंत ने कहा कि कोरोना काल के दौरान मुंबई मनपा में जिस तरह से लूट का खेल खेला गया इसी को देखते हुए सरकार ने ऑडिट कराने का फैसला किया है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा जो इस मामले की जांच करेगी। इस कमेटी में योजना विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, शहरी विकास के प्रमुख सचिव और निदेशक (वित्त-लेखापरीक्षा) के अधिकारी शामिल होंगे। सामंत ने कहा कि अगले बजट सत्र में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा किए गए ऐलान के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। उद्धव ठाकरे ने खुद कमान संभालते हुए कहा कि अच्छा है सरकार ने मनपा के कामकाज का ऑडिट कराने का फैसला किया है। मेरी सरकार को चुनौती है कि जैसे उन्होंने मुंबई मनपा का ऑडिट कराने की बात कही है वैसे ही उन महानगरपालिकाओं का भी ऑडिट किया जाए जहां पर भाजपा सत्ता में रही है। ठाकरे ने कहा कि पीएम केयर फंड की भी जांच होनी चाहिए कि कितना पैसा कहां से आया और कहां गया। पिछले डेढ़ वर्ष के कार्यकाल की भी जांच हो जिसमें भाजपा और शिंदे गुट मनमानी करके जनता के पैसों की लूट मचाए हुए है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि जब उद्धव गुट को लग रहा है कि मुंबई मनपा में पिछले 25 वर्षों में कोई घोटाला नहीं हुआ है तो उन्हें डरना नहीं चाहिए। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम की प्रशंसा करनी चाहिए।