निर्यात शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ सड़क पर उतरे किसान, कृषि मंडियों में बंद हुई नीलामी
- केंद्रीय मंत्री गोयल के घर पर प्याज फेंकने की चेतावनी
- कृषि मंडियों में बंद हुई नीलामी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लागू करने के फैसले के विरोध में किसान सोमवार को सड़कों पर नजर आए। नाशिक के लासलगांव, पिंपलगांव, मनमाड सहित कई जिलों के कृषि उपज बाजार समिति (कृषि मंडी) में प्याज की नीलामी बंद रही है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, रयत क्रांति संगठन सहित कई संगठनों ने किसानों के साथ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीचप्रदेश के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील की है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि शुल्क वापस नहीं लिया गया तो हम दिल्ली जाकर मंत्री के घर पर प्याज फेकेंगे। बीड़ में मुंडे ने कहा कि निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लागू करना प्याज उत्पादक किसानों के साथ अन्याय है। मुंडे ने कहा कि मैं मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर निर्यात शुल्क कम करने का आग्रह करूंगा।
केंद्र के फैसले पर
इधर, प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लागू करने के फैसले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों में मत भिन्नता सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती पवार ने प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को जायज ठहराया है। भारती ने कहा कि देश के कई राज्यों में प्याज की मांग बढ़ रही है। इसलिए प्याज की आपूर्ति सभी राज्यों में ठीक तरीके से हो सके। इसलिए केंद्र सरकार ने निर्यात शुल्क लागू किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले में गलत क्या है? भारती ने कहा कियदि देश के अलग-अलग राज्यों में प्याज की आपूर्ति नहीं हुई तो हमें प्याज आयात करने की नौबत आ सकती है। इस स्थिति को टालने के लिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। लेकिन विपक्षी दल प्याज उत्पादक किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। भारती ने कहा कि केंद्र सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए दो लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने के लिए मंजूरी दी है। महाराष्ट्र में इससे पहले नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए 800 करोड़ रुपए का 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदा जा चुका है। जबकि प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति छगन भुजबल ने कहा कि 40 प्रतिशतशुल्क लगाने से निर्यात पर असर होगा। इससे स्वभाविक रूप से प्याज के दाम गिरना शुरू हो गया है। भुजबल ने कहा कि प्याज निर्यात शुल्क रद्द करने को लेकर मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात करूंगा। इस बीच बुलढाणा में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता रविकांत तुपकर ने कहा कि केंद्र सरकार ने शहरी वोटरों को खुश करने के लिए यह फैसला लिया है। यदि सरकार ने निर्यात शुल्क को रद्द नहीं किया तो हम दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री गोयल के घर पर प्याज फेकेंगे।