निशाना: फडणवीस बोले- कोस्टल रोड की अनुमति हम लाए, उद्धव ने रातों-रात भूमिपूजन कर बुलाया तक नहीं
- परियोजना के श्रेय को लेकर फडणवीस का ठाकरे पर निशाना
- कोस्टल रोड बनाने की अनुमति हम लाए
- उद्धव ने रातों-रात भूमिपूजन कर लिया,
डिजिटल डेस्क, मुंबई. कोस्टल रोड के पहले चरण का उद्घाटन सोमवार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के हाथों हुआ। आज सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक कोस्टल रोड (धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज मार्ग) यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। उद्घाटन से एक दिन पहले शिवसेना (उद्धव) द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया था। इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोस्टल रोड निर्माण का चिट्ठा खोल दिया। फडणवीस ने निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार के रहते कोस्टल रोड बनाने की अनुमति कभी नहीं मिली। वैसे कोस्टल रोड की अवधारणा नई नहीं है। वर्षों से कोस्टल रोड बनाने की योजना बन रही थी। उद्धव ठाकरे ने मुंबईकरों को कोस्टल रोड का प्रेजेंटेशन दिखाकर मनपा का दो चुनाव भी लड़ लिया, लेकिन कभी अनुमति नहीं मिल सकी। लेकिन एनडीए की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री के नाते हम कोस्टल रोड की सभी अनुमति लेकर आए। आज वे इसका श्रेय लेने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारे पास एमएसआरडीसी, एमएमआरडीए और मनपा से कोस्टल रोड निर्माण काम कराने का तीन विकल्प था। उद्धव ठाकरे ने मुझसे कहा कि मैंने कोस्टल रोड का प्रेजेंटेशन दिया है इसलिए यह काम मुंबई मनपा को करने दीजिए। हमने उनकी बात मान ली। मुझे बहुत आश्चर्य हुआ जब रातों-रात भूमिपूजन की तैयारी कर ली गई। सबकुछ मैंने किया और भूमिपूजन के लिए हमें बुलाया ही नहीं गया। मैं मुख्यमंत्री था, चाहता तो मनपा आयुक्त को कहकर भूमिपूजन रुकवा देता, लेकिन मुंबई के विकास के लिए हम शांत रहे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि हम सभी चाहते थे कि यह प्रोजेक्ट बिना बाधा के पूरा हो। अब वर्ली से मरीन लाइन्स की दूरी 40 मिनट के बदले केवल 9 मिनट में पूरी की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ली के मछुआरे पिलर के बीच की दूरी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री रहते उद्धव ठाकरे ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने कोली समाज (मछुआरा समाज) की बात पर विचार किया। हमने पिलर की दूरी को 120 मीटर करने और सिंगल स्पैन बनाकर मछुआरों की तकलीफ दूर की।