बनेंगे एक्सपोर्ट पार्क: महाराष्ट्र में पहली बार लागू होगी निर्यात नीति

  • लागू होगी निर्यात नीति
  • महाराष्ट्र में पहली बार होगी लागू
  • राज्य के हर विभाग मेंम बनेंगे दो-दो "एक्सपोर्ट पार्क'
  • निर्यातकों को मिलेगी कई तरह की सहुलियते-सुविधाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-05 14:34 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के देश के प्रमुख निर्यातक राज्यों में से एक है, इसके बावजूद अभी तक राज्य के पास कोई "निर्यात नीति' नहीं हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अब राज्य के उद्योग विभाग ने निर्यात नीति तैयार की है। फिलहाल निर्यात नीति संबंधी फाईल वित्त विभाग के पास भेजी गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मंजूरी के पास इसे राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया जाएगा।

उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने "दैनिक भास्कर' को बताया कि हमें उम्मीद है कि इस महिने के अंत तक निर्यात नीति को मंजूरी मिल जाएगी। हाल के वर्षों में कई बडे उद्योग महाराष्ट्र से बाहर चले गए हैं। अब सरकार निर्यातकों को अधिक सुविधाएं देने और राज्य से निर्यात बढ़ाने के लिए एक नीति तैयार करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक्सपोर्ट काउंसिल के साथ चर्चा कर यह नीति तैयार की है। इस नीति के तहत राज्य के हर राजस्व विभाग में दो-दो निर्यात पार्क तैयार किए जाएंगे। ग्रामीण इलाकों में 200 एकड़ और समुद्र किनारों पर 50 एकड़ में ये पार्क बनाए जाएंगे। उद्योग विभाग के सह सचिव संजय देगावकर ने बताया कि पार्क के लिए सड़क, बिजली सहित सभी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि उद्योगपति अपनी वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा निर्यात कर सके इसके लिए आर्थिक सहायता योजना तैयार की गई है। सरकार की योजना उद्योगों को पूंजी निवेश के साथ-साथ अधिक समर्थन और रियायतें देने की भी है। सरकार की योजना उद्योगों को पूंजी निवेश के साथ-साथ अधिक समर्थन और रियायतें देने की भी है।

मिलेगी नुकसानभरपाई

नई नीति में निर्यात किए गए सामान की क्वालिटी को लेकर शिकायत मिलने अथवा अन्य कारणों से माल वापस आने पर निर्यातकों को नुकसान भरपाई का भी प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार के अधीन निर्यात ऋण गारंटी निगम नए उद्यमों को निर्यात के लिए पांच खेप की बीमा गारंटी प्रदान करता है। पर राज्य सरकार इसमें बढ़ोतरी कर 8 से 10 खेप पर बीमा गारंटी देगी। इस योजना के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। यह नीति "ईज ऑफ डूइंग एक्सपोर्ट' के आदर्श वाक्य के तहत लागू की जाएगी। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या निर्यातकों को टैक्स छूट देकर प्रोत्साहन दिया जा सकता है।

निर्यात में दूसरे क्रमांक पर है महाराष्ट्र

वित्त वर्ष 2021-22 में 73.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर (5.45 लाख करोड़ रुपये) के निर्यात के साथ महाराष्ट्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है। यह भारत से कुल निर्यात का 17.33% है। राज्य के शीर्ष 10 निर्यातक क्षेत्र रत्न-आभूषण, लोहा-इस्पात, फार्मास्युटिकल, रसायन, पेट्रोलियम, ऑटो-ऑटो उत्पाद, कृषि और संबद्ध उत्पाद, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स-इलेक्ट्रिकल घटक व मछली है।

पिछले साल आई थी कृषि निर्यात नीति

राज्य की कृषि उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल कृषि निर्यात नीति लागू की थी। कृषि निर्यात नीति के तहत राज्य सरकार ने जिन वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने की नीति बनाई है, उनमें प्याज के अलावा केला, अनानास, हापुस आम, केसर आम, संतरा, अंगूर, काजू, फूल, रेजिन, सब्जियां गैर बासमती चावल, दाल, अनाज, तिलहन, गुड़, मसाले, दुग्ध उत्पाद, मछलियां शामिल हैं।

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