मंत्रिमंडल मंजूरी: मराठी फिल्म सत्यशोधक को एसजीएसटी में छूट, न्यायिक अधिकरियों के पद सृजन को मंजूरी

  • मंत्रिमंडल के लिए होगी स्पेशल स्क्रीनिंग
  • न्यायिक अधिकरियों के पद सृजन को मंजूरी
  • न्यायिक अधिकरियों के पद सृजन को मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-10 15:48 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने महात्मा जोतिबा फुले और क्रांतिजोति सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित मराठी फिल्म सत्यशोधक को राज्य वस्तु व सेवा कर (एसजीएसटी) में छूट देने का फैसला लिया है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने राज्य वस्तु व सेवा कर कानून के तहत वसूले जाने वाले टैक्स की प्रतिपूर्ति को मंजूरी दी है। इससे सिनेमा घरों में सत्यशोधक फिल्म के टिकट पर लागू एसजीएसटी 30 अप्रैल 2024 तक दर्शकों से नहीं वसूला जाएगा। इसके बजाय राज्य सरकार अपने तिजोरी से एसजीएसटी की राशि भरेगी।

मंत्रिमंडल के लिए होगी स्पेशल स्क्रीनिंग

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा और सामाजिक प्रेरणा वाली सत्यशोधक फिल्म को मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को दिखाने के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं। 

न्यायिक अधिकरियों के पद सृजन को मंजूरी

राज्य के न्यायिक अधिकरियों के अतिरिक्त 2863 पद और सहायक 11 हजार 64 पदों के सृजन और 5 हजार 803 मानव संसाधन आउटसोर्सिंग के जरिए उपलब्ध कराने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। सरकार द्वारा मंजूर पदों पर चरण बद्ध तरीके से भर्ती की जाएगी। राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली समिति (एनसीएमएससी) ने राज्य में दुय्यम न्यायाधीशों के 3211 पदों की सिफारिश की थी। इसके बाद महराष्ट्र में 2012 पद और फिर 348 पदों को मंजूर किया गया था। फिलहाल 2360 पद मंजूर है। 

शहरी इलाकों में लागू होगी बाल विकास केंद्र योजना

कुपोषण पर मात करने के लिए राज्य के शहरी इलाकों में अतितीव्र कुपोषित (सैम बच्चे) के लिए बाल विकास केंद्र योजना लागू की जाएगी। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी है। इससे एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के जरिए 104 शहरी परियोजनाओं में बाल विकास केंद्र योजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए वार्षिक 11 करोड़ 52 लाख रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई है।

फिलहाल राज्य के ग्रामीण हिस्से में अतितीव्र कुपोषित (सैम) बच्चों के लिए आंगनवाड़ी स्तर पर ग्राम बाल विकास केंद्र योजना शुरू लागू है। राज्य के आधे से अधिक जनसंख्या अब शहरी इलाके में रहती है। शहरी क्षेत्र की आंगनवाड़ियों में अतितीव्र कुपोषित बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके मद्देनजर ग्राम बाल विकास केंद्र के तर्ज पर शहरी बालविकास केंद्र शुरू करने का फैसला लिया गया है।


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