उपचार: हड्डियों के आसपास कोमल ऊतकों को प्रभावित करता है इविंग सारकोमा कैंसर
- भारत में मिली पहली मरीज
- ब्रेस्ट की सर्जरी कर डॉक्टरों ने बचाई महिला की जान
- इससे पहले दुनिया में मिल चुके हैं 15 मामले
डिजिटल डेस्क, मुंबई. हड्डियों या हड्डियों के आसपास के कोमल ऊतकों को प्रभावित करनेवाले दुर्लभ कैंसर इविंग सारकोमा की पहली मरीज भारत में मिली है। डॉक्टरों ने ब्रेस्ट की सफल सर्जरी कर मुंबई की महिला की जान बचाई है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल के मुताबिक दुनिया में इस तरह के केवल 15 मरीज पहले मिले हैं। दुर्लभ कैंसर का 16वां मामला मुंबई में सामने आया है। अक्सर बच्चों और किशोरावस्था में यह कैंसर होता है। जसलोक अस्पताल के डॉक्टरों ने सही समय पर इसका पता लगाकर महिला को नई जिंदगी दी है।
प्रतीक्षा माने स्तन के ऊपर दाहिने हिस्से में एक बड़ी, दर्द रहित गांठ के इलाज के लिए जसलोक अस्पताल के ओपीडी में आई थी। अस्पताल के कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. सतीश राव ने बताया कि जांच में पता चला कि महिला के स्तन में बड़ा ट्यूमर है, जो नॉन-मेटास्टैटिक था और काटकर निकाला जा सकता था। पीईटी सीटी स्कैन में पता चला कि बीमारी दाहिने स्तन में थी। विस्तृत परीक्षण-जांच के बाद विशेषज्ञों की सर्जरी करने का फैसला किया।
पीठ की त्वचा का इस्तेमाल
डॉ. सतीश ने बताया कि सर्जरी के जरिए ट्यूमर को निकाला गया। इसके बाद मरीज की मांसपेशियों और पीठ की त्वचा स्तन की जगह पर लगाई गई। यह संपूर्ण प्रक्रिया एक ही बार में पूरी की गई। ऑपरेशन के बाद प्रतीक्षा को सप्ताह भर अस्पताल में रखा गया। इसके बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया।
हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में खुलासा
उन्होंने बताया कि हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में पता चला कि प्रतीक्षा के शरीर से निकाला गया ट्यूमर इविंग सारकोमा का था। अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग की संचालक डॉ. शर्मिला अग्रवाल मरीज की रेडिएशन थेरेपी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि, 25 में से 6 बार एक्सटर्नल बीम रेडियोथेरेपी कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में मरीज को केमोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।
मरीज खुश, जताया आभार
उपचार से खुश प्रतीक्षा ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जसलोक अस्पताल आने और यहां के अनुभवी डॉक्टरों का परामर्श लेने का उनका निर्णय सही था। समय पर उपचार नहीं होता तो उनकी जान जा सकती थी।