मंजूरी: 1 नवंबर 2005 के पहले सरकारी सेवाओं में 2005 अथवा उसके बाद शामिल कर्मियों को भी पुरानी पेंशन योजना के लाभ का विकल्प

  • चार से पांच हजार कर्मियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ- कुलथे
  • सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तर्ज पर एक बार का विकल्प चुनने का मौका

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-04 14:24 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 1 नवंबर 2005 के पहले के विज्ञापन के आधार पर प्रदेश सरकार की सेवाओं में 1 नवंबर 2005 अथवा उसके बाद शामिल हुए कर्मियों को अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने का विकल्प मिल सकेगा। गुरूवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी है। इन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को केंद्र सरकार के तर्ज पर एक बार का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। इससे संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को शासनादेश जारी होने के छह महीने के भीतर पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने संबंधी विकल्प चुनना अनिवार्य होगा। जो सरकारी कर्मी छह महीने में पुरानी पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुनेंगे ऐसे कर्मियों को नई परिभाषित अंशदान पेंशन (एनपीएस) योजना लागू रहेगी।

अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पहली बार चुना गया विकल्प अंतिम रहेगा। पुरानी पेंशन और उससे संबंधी नियम लागू करने का विकल्प अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति प्राधिकारी के पास जमा कराना होगा। इसके बाद ऐसे संबंधित कर्मियों को एनपीएस योजना का खाता तत्काल बंद कर दिया जाएगा। पुरानी पेंशन का विकल्प चुनने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का भविष्य निर्वाह निधि (जीपीएफ) का खाता खोला जाएगा। फिर उस खाते में एनपीएस के हिस्से की राशि व्याज सहित जमा कराई जाएगी।

चार से पांच हजार कर्मियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ- कुलथे

पुरानी पेंशन योजना के विकल्प संबंधी राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का चार से पांच हजार कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा। महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ के संस्थापक व मुख्य सलाहकार जी डी कुलथे ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में यह जानकारी दी। कुलथे ने कहा कि अधिकारी महासंघ ने लगातार राज्य के 8 लाख कर्मियों को पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रही है। लेकिन सरकार ने केवल 1 नवंबर 2005 के पहले प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर 1 नवंबर 2005 अथवा उसके बाद शामिल हुए कर्मियों के लिए ही पुरानी पेंशन लागू करने का फैसला किया है। फिर भी हम लोग सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।

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