एल्गर परिषद का मामला : गौतम नवलखा सीपीआई (एम) का अंडरग्राउंड लीडर
- अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दी दलील
- एनआईए नवलखा की जमानत का कर रही विरोध
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट में मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास ने दलील दी कि गौतम नवलखा प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का अंडरग्राउंड लीडर है। वह उसकी गतिविधियों में पूरी सक्रिय थे। एनआईए की जांच में इसको लेकर पुख्ता सबूत मिले हैं।
न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को गौतम नवलखा के वकील युग मोहित चौधरी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास ने कहा कि नवलखा ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए अन्य गिरफ्तार और वांटेड आरोपियों के साथ साजिश रची। वह उन नक्सलियों के संपर्क थे, जो नक्सली इलाके में तैनात सेना के जवानों पर हमले करने के लिए सक्रिय थे। नवलखा दिल्ली, मुंबई और छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न ठिकानों पर सभाएं कर युवकों को नक्सली मुहमेंट से जुड़ने के लिए उकसाते थे। उन्होंने साल 2019 में उत्तर प्रदेश के होने वाले चुनाव से पहले नक्सली मुहमेंट की साजिश रची थी। एनआईए की जांच में सामने आया है कि जब छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने अर्धसैनिक बल के जवानों पर हमले किए, तो उससे पहले उस इलाके में गौतम नवलखा की सीपीआई (माओवादी) के नक्सलियों के साथ सभा हुई थी।