ईडी की कार्रवाई : दिल्ली के कारोबारी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
- दिल्ली के कारोबारी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
- डेढ़ सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। डेढ़ सौ करोड़ रुपए के बैंक लोन धोखाधड़ी में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के कारोबारी राम इसरानी को विशेष अदालत ने 24 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की भायखला शाखा से लिए 150 करोड़ रुपए के लोन की धोखाधड़ी से जुड़ा है। बैंक की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मनी लांड्रिंग के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच कर रहा है। दो साल पहले 2021 में ईडी ने मोहम्मद फारूक सुलेमान दरवेश, श्रीचंद अगीचा और एसोसिएटेड हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्रालि (एएचपीटीपीएल) के अधिकारियों के मुंबई व गुजरात के ठिकानों पर तलाशी ली थी। एएचपीटीपीएल गुजरात के कांडला एसईजेड में स्थित है। ईडी ने रिमांड याचिका में कोर्ट को बताया कि इसरानी जांच में सहयोग नहीं कर रहे। जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि
एएचपीटीपीएल ने जम जम गैस (सीएनजी), सेवन स्टार, गैस इन सीएनजी स्टेशन और क्रेस्ट रिसोर्सेज (पाकिस्तानी कंपनियां) को निर्यात किया, मगर 6 लाख 53 हजार 341 अमेरिकी डॉलर वसूल नहीं किए। ईडी के वकील ने दावा किया कि आरोपियों ने हवाला/बैंकिंग चैनलों के माध्यम से अपराध की आय को दुबई और सिंगापुर में अपनी संबंधित संस्थाओं तक पहुंचा दिया। इसके लिए ईडी ने एएचपीटीपीएल के एक निदेशक के स्वैच्छिक बयान का हवाला दिया। यह व्यक्ति टचवुड रियल एस्टेट में भी निदेशक है, जो मामले में ईडी की जांच के दायरे में है। पूर्व एनसीपी मंत्री नवाब मलिक का बेटा भी टचवुड से जुड़ा हुआ था।