बड़ा फैसला: ओबीसी समाज के डॉक्टरों ने किया आरक्षण छोड़ने का ऐलान, लाभ लेकर हुए सक्षम

  • मुख्यमंत्री को पत्र लिख छाड़ेंगे आरक्षण
  • समाज के दूसरे लोगों के लिए छोड़े आरक्षण
  • आरक्षण का लाभ लेकर हुए सक्षम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-24 15:42 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ओबीसी आरक्षण कोटे से मराठाओं को आरक्षण दिए जाने को लेकर चल रही लड़ाई के बीच अब महाराष्ट्र के ओबीसी समाज के कुछ डॉक्टर अब स्वयं या अपने परिवार के लिए आरक्षण का लाभ नहीं लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य भर में आरक्षण छोड़ो समाज जोड़ो नाम से एक अभियान की शुरुआत की गई है। मुंबई मराठी पत्रकार संघ में ओबीसी मेडिको ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राहुल घुले ने आरक्षण वापस करने की घोषणा की। घुले ने कहा कि आरक्षण का लाभ लेकर हम सक्षम हो गए हैं। इसलिए हमलोग अपना आरक्षण छोड़ रहे हैं। इससे समाज के उन तबकों को लाभ मिलेगा जो अब तक आरक्षण से वंचित रह गए हैं।

डॉ घुले ने कहा कि फुले, शाहू ,आंबेडकर के प्रगतिशील महाराष्ट्र में आरक्षण के कारण जातीय द्वेष बढ़ रहा है। वर्तमान में मराठा और ओबीसी के बीच आरक्षण को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। आरक्षण से मिले लाभ के कारण अब तक बहुत लोग सक्षम हुए हैं। जिनकी प्रगति हुई है ऐसे लोग आगे आकर आरक्षण का त्याग करेंगे तभी इसका फायदा समाज के निचले वर्ग को मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे 15-20 सहयोगी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को प्रतीज्ञा पत्र देकर ओबीसी आरक्षण वापस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आरक्षण के जनक राजश्री शाहू महाराज की जन्म जयंती के दिन 26 जून से आरक्षण छोडो, समाज जोडो, अभियान की शुरुआत की जाएगी। हम समाज के उन लोगों से आग्रह करने वाले हैं जिनकी प्रगति हुई है ऐसे लोगों को स्वेच्छा से आरक्षण का त्याग करना चाहिए। आरक्षण छोड़ने के लिए किसी पर दबाव नहीं है। यह उनकी अंतरात्मा पर निर्भर करेगा।

मनोज जरांगे पाटिल के मराठा आरक्षण आंदोलन और लक्ष्मण हाके के ओबीसी आरक्षण बचाओ इन दोनों आंदोलन के कारण मराठा और ओबीसी में वैमनस्य निमाण हो रहा है। यह बढ़ा तो जातीय दंगा हो सकता है। बीड में नेता के घर पर हुए हमले और घर जलाने की घटना अन्य जिलों में घटित हो सकती है।

डॉ घुले ने कहा कि गरीब व्यक्ति और उनके बच्चों को आरक्षण मिलना चाहिए। समाज में एक बार आरक्षण के कारण आर्थिक तौर पर सक्षम लोगों को खुद आगे आकर आरक्षण छोड़ना चाहिए। हमें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिला और हम एमबीबीएस डॉक्टर बन गए। अब हमारी आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है। हम अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा सकते हैं। हमारे बच्चों को आरक्षण की आवश्कता नहीं रह गई है।

उपाध्यक्ष ओबीसी मेडिको एसोसिएशन डॉ. अतुल गिरी के मुताबिक आरक्षण छोडो, समाज जोडो अभियान राज्य भर में ले जाने के लिए पुणे, नाशिक, औरंगाबाद, उस्मानाबाद, संभाजीनगर, नागपुर, कोल्हापुर, ठाणे में समाज के लोगों के साथ विचार मंथन बैठक का आयोजन किया जाएगा।


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