कड़े नियम: ईद मिलादुन्नबी जुलूस में डीजे बैन, उलेमाओं और पुलिस की अहम बैठक में अपील
- मस्जिद- मदरसों से की जाएगी अपील
- ईद मिलादुन्नबी जुलूस में डीजे बैन
- संस्था के सहयोग से पुलिस करेगी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर ईद मिलादुन्नबी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 18 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी का जुलूस मुंबई सहित महाराष्ट्र भर में निकाला जाएगा। इस जुलूस में इस बार डीजे को पूरी तरह से बैन करने की पहल मुस्लिम तंजीमों (संस्थाओं) ने की है। इसी को लेकर गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक मुंबई में हुई। इस बैठक में मुंबई के कई मुस्लिम संस्थाओं के प्रतिनिधि, उलेमा और पुलिस के आला अफसर मौजूद थे।
इस साल ईद मिलादुन्नबी का त्योहार 16 सितंबर को है। लेकिन 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी भी है। आपसी सौहार्द बना रहे और दोनों समाज में कोई टकराव न हो इसको लेकर 18 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी जुलूस निकालने का निर्णय मुस्लिम समाज ने लिया है।यह जुलूसपैगंबर साहब की सीख के अनुसार निकले इसके लिए जुलूस में डीजे को प्रतिबंधित करने की कोशिश मुस्लिम संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर कर रही हैं। इसी कड़ी में गुरुवार कोअंजुमन बाशिंदगाने बिहार की ओर से अंजुमन इस्लाम स्कूल में एक बैठकआयोजित की गई थी। इस बैठक में पुलिस उपायुक्त (जोन-1) प्रवीण मुंढे, जमीयतुल उलेमा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुस्सलाम कासमी, बुद्धिजीवी व पद्मश्री डॉ. जहीर काजी, माहिम और हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी सुहेल खंडवानी आदि उपस्थित थे। इन सभी ने एक स्वर में जुलूस के डीजे इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई है।
संस्था के सहयोग से पुलिस करेगी कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त प्रवीण मुंढे ने जुलूस में डीजे प्रतिबंध को लेकर संस्था द्वारा की गई पहल की सराहना की है। उन्होंने मेहमूद हकीमी से 25 वालंटियर मुहैया कराने की अपील की है। इन वालंटियरों की मदद से पुलिस जुलूस में शामिल डीजे वाहनों पर आसानी से कार्रवाई कर सकेगी। डॉ.जहीर काजी ने मुस्लिम नौजवानों से अपील की है कि वे डीजे पर खर्च करने की बजाय अस्पताल में जाकर जरूरतमंदों की मदद करें। सुहेल खंडवानी ने कहा कि क्षेत्रीय मस्जिदों-मदरसों से उलेमा एक जिम्मेदारी के तहत जुलूस में डीजे का इस्तेमाल न करने की अपील करेंगे। मौलाना कासमी ने कहा कि इस्लाम में सिर्फ डीजे ही नहीं बल्कि हर वो चीज की मनाही है जिसके इस्तेमाल से दूसरों को नुकसान पहुंचे।