ध्वजारोहण की जिम्मेदारी: दस जिलों में जिलाधिकारियों पर फिर ध्वजारोहण की नौबत !, एक मंत्री के पास 3 जिलों का प्रभार
- 7 पालक मंत्रियों के पास दो-दो
- एक मंत्री के पास है तीन जिलों का प्रभार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। प्रदेश के शिंदे सरकार के लगभग डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद अभी तक सभी 36 जिलों के लिए एक-एक यानी 36 पालक मंत्री नियुक्त नहीं किए जा सके हैं। इससे राज्य के 26 पालक मंत्रियों पर 36 जिलों का भार है। जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत 7 मंत्रियों के पास 2-2 जिलों के पालक मंत्री पद का प्रभार है। जबकि 1 पालक मंत्री के पास 3 जिलों की जिम्मेदारी है। जबकि 18 मंत्रियों के पास 1-1 जिले का जिम्मा है। इससे गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 पालक मंत्री अपने-अपने जिले यानी 26 जिले में ही जा पाएंगे।
इस कारण बाकी 10 जिलों में जिलाधिकारियों पर ध्वजारोहण की जिम्मेदारी एक बार फिर आ सकती है। राज्य में 30 जून 2022 को शिंदे सरकार बनने के बाद इस बार 26 जनवरी के दिन पांचवां मौका होगा, जब राज्य के सभी जिलों में पालक मंत्रियों के हाथों ध्वजारोहण नहीं हो सकेगा। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2022, गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी 2023, महाराष्ट्र दिवस के मौके पर 1 मई 2023, स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त 2023 के मौके पर कई जिलों में पालक मंत्री और कुछ जिलों में अफसरों ने झंडारोहण किया था। शिंदे सरकार के गठन के बाद पहले दो और फिर बाद में कुल 20 मंत्रियों का मंत्रिमंडल था। उस समय केवल 19 पालक मंत्री थे। लेकिन 2 जुलाई 2023 को राकांपा में हुई बगावत के बाद अजित पवार सरकार में शामिल हुए थे।
इससे मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। इसमें से 26 मंत्रियों को पालक मंत्री नियुक्त किया गया है। जबकि राकांपा (अजित) के नेता तथा प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री आदिती तटकरे को पालक मंत्री नहीं बनाया गया है। भुजबल नाशिक और आदिती रायगड का पालक मंत्री पद चाहती हैं लेकिन शिवसेना (शिंदे) दोनों जिलों के पालक मंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
राज्य मंत्रिमंडल में कुल कितने मंत्री
भाजपा - 10
शिवसेना (शिंदे)- 10
राकांपा (अजित) - 9
कुल मंत्री - 29
किस दल के कितने पालक मंत्री
भाजपा -10
शिवसेना (शिंदे) -9
राकांपा (अजित) - 7
कुल - 26
मंत्रिमंडल में 14 मंत्री पद भी रिक्त
राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री को मिलाकर अधिकतम 43 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। फिलहाल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 29 मंत्री हैं। इससे राज्य की सरकार में 14 और मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। लेकिन शिंदे सरकार का डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरा नहीं जा सका है।