विपक्ष ने साधा निशाना: विघ्नसंतोषी लोगों ने मेरे बयान को तोड़ मोड़कर पेश किया - मुख्यमंत्री
- शिंदे का बस बोलना है और निकल लेना है बयान वाला वीडियो हुआ वायरल
- मुख्यमंत्री बोले - बयान को तोड़ मोड़कर पेश किया
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा आरक्षण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘बस बोलना है और निकल लेना है’ वाले बयान को लेकर विपक्ष और मराठा संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर बयान वायरल के बाद स्पष्टीकरण दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विघ्नसंतोषी लोगों ने मेरे बयान को तोड़ मोड़कर सोशल मीडिया वायरल किया है। लेकिन सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए गंभीर है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री वीडियो वायरल होने के कारण मराठा समाज में फैली नाराजगी के चलते जालना में अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटील से मुलाकात करने के लिए नहीं गए। हालांकि मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रतिनिधिमंडल जरांगे पाटील से चर्चा कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल के विस्तार से चर्चा करने के बाद मैं जालना में जरांगे पाटील से मिलने के लिए जाने के बारे में उचित फैसला करूंगा। दरअसल बीते 11 सितंबर को देर रात राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में सर्वदलीय बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से कहा था कि हमें बस बोलना है और निकल लेना है। इस पर अजित ने कहा कि हां। जिसके बाद फडणवीस ने मुख्यमंत्री के कान के पास धीरे से कहा कि माइक चालू है। फिर अजित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलने के लिए रखी माइक पर हाथ लगाते हुए कहा कि बोला हुआ माइक पर सुनाई देता है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। बुधवार का मुख्यमंत्री के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और शिवसेना (उद्धव) के विधायक आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री के बयान वाला वीडियो ट्वीट पर पोस्ट करते हुए आलोचना की। विपक्ष के कई नेताओं की आलोचना के बाद मुख्यमंत्री ने सफाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे बयान को काटछांट करके गलत तरीके से सोशल मीडिया पर पेश किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है जिससे मराठा समाज के बीच यह संदेश जाए कि सरकार आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार मराठा आरक्षण को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं फडणवीस और अजित से बोलते-बोलते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में आ रहा था। मैंने दोनों नेताओं से कह रहा था कि सर्वदलीय बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा है केवल उसी मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलना है। हम लोग कोई भी राजनीतिक सवाल-जवाब नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे कहने का मतलब था कि केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मराठा आरक्षण और जालना में अनशन कर रहे मनोज जरांगे- पाटील के बारे बोलना है।
वायरल वीडियो में क्या है
मुख्यमंत्री- सवाल- जवाब ज्यादा नहीं करना है, हम लोगों को बस बोलना है और निकल लेना है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार- हां
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस- माइक चालू है
उपमुख्यमंत्री अजित पवार- बोला हुआ माइक पर सुनाई देता है।
मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री आएंगे – जरांगे पाटील
जालना के अंबड तहसील के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा समाज के सभी लोगों को बिना किसी शर्त के कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील का अनशन 16 वें दिन भी जा रहा। जरांगे पाटील ने कहा कि मुझे पहले बताया गया था कि मुख्यमंत्री मुझसे मिलने के लिए आने वाले हैं लेकिन वे अभी तक नहीं आए हैं पर मुझे मुख्यमंत्री पर विश्वास है कि वे मुझसे मिलने के लिए जालना आएंगे। जरांगे पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री को जालना में सुरक्षा को लेकर कोई खतरा पैदा नहीं होगा। जरांगे पाटील ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के आने के बाद ही अनशन को खत्म करूंगा।