किसान बनकर कृषि भूमि हथियाने के मामले में बिल्डर पुनमिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

  • मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर
  • अदालत ने सब रजिस्ट्रार के फैसले से संबंधित कागजात पेश करने के निर्देश
  • पुनमिया ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह के खिलाफ हफ्ता वसूली की दर्ज कराई थी शिकायत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-08 16:43 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने किसान बनकर कृषि भूमि हथियाने का मामले में नासिक स्थित सिन्नर के न्यायिक मजिस्ट्रेट के फैसले से जुड़े कागजात पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका में दावा किया गया है कि सब रजिस्टार द्वावा न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष ‘सी' सारांश रिपोर्ट दायर की गई थी। इस रिपोर्ट के बाद ही फर्जी कागजात के जरिए किसान बन कर सिन्नर में कृषि भूमि खरीदने के मामले संजय पुनमिया के खिलाफ जांच को बंद कर दिया गया है। आरोप है कि पुनमिया ने नासिक के सिन्नर में कृषि भूमि अपने बेटे का नाम से लिया था। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को शरद मुरलीधर अग्रवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि नासिक के सिन्नर स्थित धरनगांव में कृषि की भूमि खरीदी गई। इस भूमि को खरीदने में भायंदर के उत्तन गांव की भूमि से जुड़े कागजात पेश किए गए थे, जिसमें सिन्नर की कृषि भूमि खरीदन वाले ने किसान होने का दावा किया था। यह मामला जब उजागर हुआ, तो सब रजिस्ट्रार ने सिन्नर पुलिस स्टेशन में 27 सितंबर 2021 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 455, 468,471 के प्रावधानों के तहत संजय पुनमिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। इस मामले की जांच चल ही रही थी कि पिछले साल 23 जुलाई सब रजिस्ट्रार द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष ‘सी' समरी रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें इस मामले को बंद करने की बात कही गयी थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सब रजिस्ट्रार के ‘सी’समरी रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिससे पुनमिया के खिलाफ मामले की जांच को बंद कर दी गई। खंडपीठ ने दो सप्ताह में सब रजिस्टर को इस मामले से जुड़े कागजात पेश करने का निर्देश दिया है।

पुनमिया ने बिल्डर श्याम अग्रवाल पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी छोटा शकील से संबंध का गंभीर आरोप लगा कर चर्चा में आए थे। आरोप है कि पुनमिया ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह समेत क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारियों से मिल कर अग्रवाल से 15 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली करने की कोशिश की थी। अग्रवाल की शिकायत पर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में पुनमिया और परमबीर सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज किया गया था।

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