संसद में महाराष्ट्र की गूंज: बाढ़ पीड़ितों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग, माने बने शिवसेना संसदीय दल के उपनेता

  • महाराष्ट्र के कई गांव इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा से वंचित
  • रेलवे बोर्ड के पास लंबित है कोंकण रेलवे ट्रैक दोहरीकरण का प्रस्ताव
  • पीएम-सूर्य घर : उपभोक्ताओं को मिल चुकी है 530 करोड़ की सब्सिडी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-31 15:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. राज्यसभा सदस्य डॉ मेधा कुलकर्णी ने केंद्र सरकार से पुणे, मुंबई, कोल्हापुर, सातारा समेत महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण लोगों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए विशेष राहत पैकेज देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने नुकसान का आकलन करने के लिए एक समिति गठित करने की भी मांग की है। सांसद कुलकर्णी ने राज्यसभा में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में आई विनाशकारी बाढ़ से लोगों को हुई भारी परेशानी और नुकसान की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण भयंकर जलभराव हो गया है, सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है और स्कूल बंद करने पड़े है। राज्य की यह स्थिति केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती है। इसलिए केंद्र सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज प्रदान करे, जिसमें पशुधन के नुकसान के लिए वित्तीय सहयता, फसल का नुकसान, प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के लिए मुआवजा और भविष्य में बाढ़ को रोकने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल हो। डॉ मेधा कुलकर्णी की इस मांग का प्रदेश से अन्य सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, धनंजय महाडिक, डॉ फौजिया खान ने भी समर्थन किया।

धैर्यशील माने बने लोस में शिवसेना संसदीय दल के उपनेता

उधर युवा सांसद धैर्यशील माने लोकसभा में शिवसेना संसदीय दल के उपनेता चुने गए हैं। शिवसेना के मुख्य नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस संबंध में औपचारिक पत्र लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेज दिया है। शिंदे ने अपने पत्र में लिखा कि गत 7 जून को दिल्ली में हुई शिवसेना संसदीय दल की बैठक में धैर्यशील माने को सर्वसम्मति से लोकसभा में पार्टी का उपनेता चुना गया है। श्री माने महाराष्ट्र के हातकणंगले लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुने गए हैं। बता दें कि 18वीं लोकसभा में शिवसेना के कुल 7 सांसद हैं। सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे पहले ही लोकसभा में पार्टी के नेता बनाए गए हैं।

केंद्रीय संचार मंत्री ने लोकसभा में कहा - महाराष्ट्र के कई गांव इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा से वंचित

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादीत्य सिंधिया ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र में करीब 90 प्रतिशत टेलिफोन की कनेक्टिविटी हो चुकी है और करीब साढ़े 9 हजार ग्राम पंचायतें पूरी तरह इंटरनेट से लैस हो गए है, लेकिन कई ऐसे गांव भी है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित है। गड़चिरोली-चिमुर से सांसद डॉ नामदेव किरसान ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उनके संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में टेलिफोन कनेक्टिविटी और इंटरनेट सुविधा नहीं होने का मुद्दा उठाया। इस सवाल के जवाब में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादीत्य सिंधिया ने यह जानकारी दी। सांसद करसान ने सदन को बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र के सैंकडों गांव आज भी टेलिफोन कनेक्टिविटी की सुविधा से वंचित है। साथ ही इंटरनेट सुविधा नहीं होने के कारण पीडीएस दुकान से लोगों को अनाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि स्वैप मशीन पर अंगूठा लगाए बिना अनाज नहीं दिया जाता।

रेलवे बोर्ड के पास लंबित है कोंकण रेलवे ट्रैक दोहरीकरण का प्रस्ताव

कोंकण रेलवे का 350 किलोमीटर ट्रैक दोहरीकरण का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास पिछले एक साल से भी अधिक समय से धूल फांक रहा है। इस प्रस्ताव को कब तक मंजूरी मिलेगी, इस पर अभी भी स्पष्टता नहीं है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को कैसे आगे ले जाया जाए, उसकी व्यवस्था करेंगे। दरअसल, मुंबई उत्तर-पश्चिम से सांसद रविंद्र वायकर ने बुधवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया और पूछा कि कोंकण रेलवे के महत्व को देखते हुए सरकार इसके ट्रैक दोहरीकरण का निर्णय कब तक लेगी, ताकि इस मार्ग पर महाराष्ट्र, क र्नाटक, गोवा और केरल के बीच भी वंदे भारत ट्रेनों का संचालन हो सके। उन्होंने सदन को बताया कि ट्रैक दोहरीकरण का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पिछले एक साल से लंबित पड़ा है। जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोंकण रेलवे मुंबई से केरल को जोड़ने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसमें पांचों सरकारों को मिलकर दोहरीकरण के काम के साथ सुरुंग का विस्तार और पूरे ट्रैक को प्रतिस्थापित करने का काम करना है। मैं माननीय सदस्य से इस पर विस्तार से च र्चा करूगा और इसे कैसे आगे ले जाया जाए, उसकी व्यवस्था करेंगे।

पीएम-सूर्य घर : उपभोक्ताओं को मिल चुकी है 530 करोड़ की सब्सिडी

पीएम-सूर्य घर योजना के तहत अब तक देश भर में 68,834 उपभोक्ताओं को कुल 529.9 करोड़ रूपये की सब्सिडी जारी की जा चुकी है। 26 जुलाई 2024 तक इस योजना के राष्ट्रीय पोर्टल पर उपभोक्ताओं से कुल 1.29 करोड़ पंजीकरण हो चुका है और 15.27 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह जानकारी केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटी है। पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरूआत 13 फरवरी 2024 को की गई है। इसका लक्ष्य एक करोड़ घरों में रूफटॉप सौर संयंत्रों की स्थापना करना है। इस योजना पर कुल 75,021 करोड़ रूपये खर्च किए जाने हैं। इसके तहत अब तक 529.9 करोड़ रूपये की सब्सिडी जारी की गई है। श्रीपाद नाईक ने बताया कि रूफटॉप सौर प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना चलाई जा रही है तो कृषि क्षेत्र को डीजल मुक्त करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम कुसुम योजना चल रही है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव्स के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन चलाया जा रहा है।



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