अदालत: एल्गार परिषद मामले में गाडलिंग समेत 5 की डिफाल्ट जमानत खारिज, लड़कियों-महिलाओं के गायब होने का मामला भी पहुंचा

  • सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राऊत, रोना विल्सन, सुधीर धावले और शोमा सेन की डिफाल्ट जमानत याचिका खारिज
  • राज्य से 3 साल में 1 लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं के गायब होने का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा
  • सेशन कोर्ट ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला में व्यवसायी दीक्षित कोठारी को दी जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-26 16:12 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एल्गार परिषद से जुड़े हिंसा के मामले में आरोपी सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राऊत, रोना विल्सन, सुधीर धावले और शोमा सेन की डिफाल्ट जमानत याचिका खारिज कर दी। पुणे पुलिस ने जून 2018 में उन्हें गिरफ्तार किया था। यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे के वाडा में आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम के बाद भीमा-कोरेगांव के पास दो समाजों के बीच हुई हिंसक झड़प से संबंधित है। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम सी.चांडक की पीठ ने 3 मई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर और वकील आर.सत्यनारायण ने दलील दी कि आरोपी 90-दिन की अवधि समाप्त होने के तुरंत बाद डिफॉल्ट जमानत याचिका मांगने के हकदार थे और जब उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया था, तब कोई आरोपपत्र दायर नहीं किया गया था। एनआईए के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल देवांग व्यास और वकील संदेश पाटील ने दलील दी कि मौजूदा दलीलें विभिन्न कार्यवाहियों पर भ्रम पैदा करने का एक प्रयास हैं और इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।

राज्य से 3 साल में 1 लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं के गायब होने का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा

उधर राज्य से 3 साल में 1 लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं के गायब होने का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा है। भारतीय सेना के सेवानिवृत जवान ने जनहित याचिका(पीआईएल)दायर कर गायब लड़कियों और महिलाओं का पता लगाने का अनुरोध किया है। पीआईएल में पुलिस द्वारा गायब होने वाली लड़कियों और महिलाओं की खोजबीन को गंभीरता से नहीं ले रही है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष सांगली के पूर्व सैनिक शाहजी जगताप की ओर से वकील मंजरी पारसनीस की दायर पीआईएल पर 30 जुलाई को सुनवाई होगी। पीआईएल में अनुरोध किया गया है कि पुलिस महानिदेशक और महाराष्ट्र महिला एवं बाल कल्याण विभाग साल 2019 से 2021 के बीच तीन साल में राज्य से लापता हुई एक लाख से अधिक लड़कियों और महिलाओं का पता लगाने के लिए अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा करें। याचिकाकर्ता जगताप की बीएससी के तीसरे वर्ष की पढ़ाई करने वाली बेटी दिसंबर 2021 में गायब हो गई। उन्होंने संजय नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने उसके बालिग होने के कारण उसकी खोजबीन नहीं की। बाद में उन्हें पुलिस द्वारा बताया गया कि उनकी बेटी ने इस्लाम धर्म अपना कर एक व्यक्ति से शादी कर ली है। क्योंकि वह बालिग है। इसलिए हम (पुलिस) कुछ नहीं कर सकते हैं। आज तक उन्हें नहीं पता कि किस वजह से उसने परिवार से सारे संबंध तोड़ ली। जगताप और उनके परिवार को उसकी तलाश करते हुए काफी मानसिक आघात से गुजरना पड़ा है। जब वह अपनी बेटी की खुद खोजबीन करने लगे, तो उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर 2019, 2020 और 2021 के 1 लाख 842 गायब लड़कियों और महिलाओं के गायब होने का आंकड़ा मिला, तो उनके होश ही उड़ गए। उन्हें इसका गहरा सदमा लगा। पुलिस लड़कियों और महिलाओं को बालिग बता कर खोजबीन नहीं करती है। पिछले साल के केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए साल 2019 से 2021 तक तीन साल के आंकडे के मुताबिक महाराष्ट्र में लगभग हर साल 60 हजार से अधिक नाबालिग, बालिग लड़कियां और महिलाएं गायब हुई। जबकि देश भर में लगभग हर साल 4 लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं गायब हुईं। राज्य 2019 में 35990 बालिग लड़कियां और महिलाएं गायब हुई थी। जबकि साल 2020 में 30089 और 2021 में 34763 बालिग लड़कियां और महिलाएं गायब हुई। पीआईएल में दावा किया गया है कि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कुछ आदेश पारित किए थे, लेकिन तब भी पुलिस अधिकारियों का रवैया बहुत ही लापरवाह है।

सेशन कोर्ट ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला में व्यवसायी दीक्षित कोठारी को दी जमानत

इसके अलावा सेशन कोर्ट ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाला मामले में व्यवसायी दीक्षित कोठारी को जमानत दी है। पुलिस ने 5 जनवरी को कोठारी को अपने ईमेल आईडी का उपयोग करके 16 सट्टेबाजी पोर्टल पंजीकृत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि कोठारी ने पीएवाईटीएस बैंक के एक कर्मचारी के आधार और पैन कार्ड का उपयोग करके उसे 2000 रुपए प्रति माह देने का लालच देकर पीएवाईटीएम बैंक में खाता खुलवाया था। सेशन कोर्ट ने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के संबंध में कथित भूमिका पर सवाल उठाते हुए व्यवसायी दीक्षित कोठारी को जमानत दे दी। अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष वेबसाइट के माध्यम से कोठारी को कोई मौद्रिक लाभ दिखाने में असमर्थ था। अभियोजन पक्ष ने कथित अपराध के संबंध में कई बैंक खाते और क्रिप्टो वॉलेट जब्त किए, लेकिन इनमें से कोई भी खाता कोठारी से जुड़ा नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि कोठारी के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप चैट के सत्यापन और जांच से पता चला कि उसने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबरों से संपर्क किया और उनके साथ वित्तीय लेनदेन हुए। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि कोठारी के खिलाफ आरोपपत्र का अध्ययन करने पर पता चला है कि उस ऐप लोटस बुक 8 डाट कॉम का मालिक अमन नामक व्यक्ति है। आरोपपत्र के अनुसार यह सुभाष रमोला के नाम से पंजाब नेशनल बैंक में एक बैंक खाते से भी जुड़ा है। कोठारी और अमन या रमोला के बीच किसी भी तरह की सांठगांठ दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर एक भी सामग्री नहीं है। यह दिखाने के लिए कोई भी सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं लाई गई है कि किसी व्यक्ति को इस वेबसाइट के माध्यम से धोखा दिया गया है।

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