कॉरिडोर: विरार तक पहुंचा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, तीसरी सुरंग तैयार
- वैतरणा से जेएनपीटी तक डीएफसी प्रोजेक्ट में आई तेजी
- माल गाड़ियों के लिए बन रहा अलग कॉरिडोर
- जेएनपीटी से दादरी के बीच तेजी से होगा माल परिवहन
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता. लोकल और मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की गति में सुधार के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना से संबंधित तीसरी टनल विरार में डीएफसी ने तैयार कर ली है। वर्तमान में जेएनपीटी से दादरी तक 1506 किमी लंबे कॉरिडोर का मुख्य 109 किमी का हिस्सा वैतरणा से जेएनपीटी के बीच तैयार किया जा रहा है। जो मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस परियोजना में दिसंबर 2023 तक वेस्टर्न डीएफसी दादरी से वैतरणा तक शुरू होने की उम्मीद है। मुंबई में डीएफसी के इस कॉरिडोर के बन जाने से वर्तमान में जेएनपीटी से आनेवाली मालगाड़ियां जो मध्य रेलवे के वडाला-कुर्ला, वसई-दिवा-पनवेल रूट के अलावा पश्चिम रेलवे के विरार से वैतरणा के बीच उपनगरीय रेल कॉरिडोर का मार्ग साझा कर रही हैं वो क्लीयर हो जाएंगे।
लोकल यात्रियों को होगा फायदा
डीएफसी के स्वतंत्र कॉरिडोर का फायदा वसई-विरार-डाहणू की लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले लोकल यात्रियों को होगा। इस रूट पर अतिरिक्त लोकल चलाने और उनकी समय सारिणी में भी सुधार होगा। इसी तरह मध्य रेलवे मार्ग के यात्रियों को भी फायदा होगा। वडाला-कुर्ला, वसई-दिवा- पनवेल रूट पर भी अतिरिक्त लोकल सेवाओं सहित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने में रेलवे को मदद मिलेगी।
उल्हास नदी पर तैयार हुआ हावड़ा जैसा ब्रिज
दादरी से वैतरणा सेक्शन के लिए भिवंडी के पास उल्हास नदी पर हावड़ा ब्रिज जैसा एक पुल तैयार हुआ, जिसकी लंबाई 80 मीटर है। इसके बाद कलंबोली के पास 110 मीटर लंबा ब्रिज तैयार हो रहा है। इसके साथ ही विरार के पास दो बड़े टनल बनाए गए हैं। हाल ही में तैयार हुआ तीसरा टनल 251 मीटर लंबा है।
ट्रैक बिछाने की हो रही शुरुआत
ब्रिज और सुरंग बनने के साथ ही अब ट्रैक बिछाने के काम की भी शुरुआत हो रही है। दादरी से वैतरणा तक कई हिस्सों में ट्रैक बिछाए जा चुके हैं, ऑपरेशन की भी शुरुआत हो चुकी है। दादरी (उत्तर प्रदेश) से जेएनपीटी (मुंबई) के बीच 1506 किमी लंबे कॉरिडोर में से 938 किमी का कॉरिडोर हिस्सा कमीशन हो गया है। अब माकरपुरा से वैतरणा तक का हिस्सा जून 2023 में और जेएनपीटी के बीच शेष 109 किमी का हिस्सा मार्च 2024 में चालू होने की आशा है।
जेएनपीटी से जुड़ने के लाभ
एक दौर ऐसा था, जब जेएनपीटी पोर्ट से 30 प्रतिशत माल रेलवे द्वारा ढोया जाता था। लेकिन इसमें गिरावट आई है। आज जेएनपीटी की क्षमता दोगुनी होने के बावजूद यहां से रेलवे द्वारा केवल 18 फीसद माल ही उठाया जा रहा है। बाकी 82 फीसद माल रोड ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंचाया जाता है।
क्या है डीएफसी
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मालगाड़ियों के लिए एक स्वतंत्र कॉरिडोर होगा। अभी मालगाड़ियों की औसत रफ्तार 35-40 किमी प्रतिघंटा है जो डीएफसी पर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी दोमंजिला मालगाड़ी को 150 किमी प्रतिघंटा (अधिकतम रफ्तार) की रफ्तार से चलाया जाएगा। जेएनपीटी से मालगाड़ी को दादरी तक पहुंचने में लगनेवाला 50 घंटे का समय आधा हो जाएगा। मालवहन क्षमता दोगुनी से ज्यादा होगी। मालगाड़ियां इलेक्ट्रिक इंजन पर चलेंगी जिससे ऑपरेटिंग खर्च कम हो जाएगा।