बॉम्बे हाईकोर्ट: 15 जनवरी को संशोधित आईटी नियमों के खिलाफ याचिकाओं पर होगा फैसला
- ऑनलाइन फर्जी खबरों के तथ्य-जांच को लेकर संशोधित आईटी नियमों का मामला
- संशोधित आईटी नियमों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनाएगा फैसला
- बॉम्बे हाई कोर्ट 15 जनवरी को सुनाएगा फैसला सुनाएगा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ऑनलाइन फर्जी खबरों के तथ्य-जांच को लेकर संशोधित आईटी नियमों के मामले में अपना फैसला 15 जनवरी को सुनाएगा। शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऑनलाइन प्रकाशित होने वाली सरकार से संबंधित फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए स्थापित फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) को फैसला आने तक सूचित नहीं किया जाएगा।
न्यायमूर्ति गौतम एस.पटेल और न्यायमूर्ति डॉ.नीला केदार गोखले की खंडपीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह 15 जनवरी को कई याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी, जिसमें स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर याचिका भी शामिल है। खंडपीठ ने पिछले साल 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब अदालत ने कहा था कि फैसला 1 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
इसके बाद 1 दिसंबर को खंडपीठ ने कहा था कि फैसला तैयार नहीं हुआ है और वह 11 जनवरी तक फैसला सुनाने की कोशिश करेंगे। इसके बाद केंद्र के वकील ने कहा कि अदालत इस मामले को क्रिसमस की छुट्टियों के बाद रख सकती है और सरकार का पिछला बयान तब तक जारी रहेगा। खंडपीठ इस पर सहमत हो गया और मामले को 5 जनवरी के लिए पोस्ट कर दिया था और मामले पर फैसला 15 जनवरी तक के लिए टल गया है।
कुणाल कामरा के साथ-साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स ने संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देते हुए अपनी याचिकाएं दायर की हैं।
याचिकाओं में आईटी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम 2023 के नियम 3 (1) (II) (ए) और (सी) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि यह वास्तव में नियम 3 में संशोधन करेगा। आईटी नियम 2021 के (1) (ए) और 3 (1) (बी) (वी) सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों और संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।