करतूत: साइबर ठगों को पसंद आए तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम, कर रहे हैं बदनाम
- भारंबे, चौबे और प्रदीप सावंत का नाम कर रहे इस्तेमाल
- साइबर ठगों की करतूत
- बदनाम कर रहे हैं
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अखिलेश तिवारी। साइबर ठग रोजाना लोगों को चपत लगा रहे हैं, ऐसे में धोखा खाए लोगों के सामने पुलिस की शरण में जाना ही पर्याय बनता है। लेकिन मुंबई में हाल के मामलों को देखने के बाद यह सामने आया है कि साइबर ठगों से अब पुलिस अधिकारी भी परेशान हैं। इसका कारण है कि साइबर ठगी में राज्य के तीन शीर्ष पुलिस सेवा के अधिकारियों के नामों का प्रयोग कर धोखाधड़ी की जा रही है। ठगी में सबसे ज्यादा जिन अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल हो रहा है उसमें पहले नंबर पर रिटायर्ड डीसीपी प्रदीप सावंत, पिंपरी-चिंचवड के पुलिस आयुक्त विनय चौबे और नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे का नाम है।
पहला मामला
हाल में हुई ठगी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रदीप सावंत के नाम पर एक महिला डॉक्टर के साथ हुई है। जिसमें एंटॉप हिल निवासी डॉक्टर को इंस्पेक्टर प्रदीप सावंत बनकर डराया गया कि आपका आधार कार्ड कई बैंक खातों से लिंक पाया गया है। इन बैंक खातों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है इसलिए खाते की जांच करनी होगी। इसके जरिए डॉक्टर से जालसाजों ने 7 लाख रुपए ठग लिए। यह मामला एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज है।
दूसरा मामला
8 मार्च को नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे का परिचय बताते हुए केईएम अस्पताल की एक महिला डॉक्टर को फोन आया। इसमें फोन करनेवाले ने बताया कि आपने ताइवान जो कूरियर भेजा है उसमें एमडी ड्रग्स मिला है। इसके बाद महिला के बैंक खाते की जांच के नाम 7,33,115/- रुपए दूसरे एकाउंट में अलग-अलग मौकों पर ट्रांसफर करा लिया। इसके बाद महिला अपने साथ ठगी होने का शक हुआ तो उसने भोईवाडा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया।
तीसरा मामला
चेंबूर में रहने वाले अर्पित को एक अनजान नंबर से कॉल आया। उसे बताया गया कि उसके नंबर से गैरकानूनी विज्ञापन और मानसिक रूप से परेशान करने वाले संदेश भेजे जा रहे हैं। उनका नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा। कॉल करनेवाले व्यक्ति ने खुद को चूनाभट्टी पुलिस थाने से पीएसआई विनय कुमार चौबे बताया था। धोखेबाजी से अर्पित के एकाउंट से 8.20 लाख रुपया ट्रांसफर करा लिया।
मिलिंद भारंबे, आयुक्त नवी मुंबई पुलिस का कहना है कि यह धोखाधड़ी है, कृपया इसका शिकार न बनें। कोई भी पुलिस अधिकारी इस तरह से कॉल नहीं करेगा या पैसे भेजने के लिए नहीं कहेगा। कृपया सावधान रहें’
प्रदीप सावंत, पूर्व डीसीपी, मुंबई पुलिस ने कहा कि इस तरह के जालसाजों से जनता को बचाने के लिए मुंबई पुलिस की साइबर सेल को जन जागरूकता वाला वीडियो बनाकर सर्कुलेट करना चाहिए।'