एनआईए जांच में खुलासा: विदेश में नौकरी के नाम पर युवकों से साइबर ठगी और युवतियों से हनी ट्रैप
- देश के कई हिस्सों से हो रही मानव तस्करी
- एनआईए जांच में खुलासा हुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई. देश के कई हिस्सों से मानव तस्करी के जरिए युवाओं को विदेशों में भेजा रहा था। इसका खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की जांच में हुआ है। एनआईए के मुताबिक इसके पीछे मानव तस्कर और साइबर जालसाजों के बीच गठजोड़ की बात सामने आई है। जो अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के आदेशों पर काम कर रहे थे। विभिन्न राज्यों से विदेश में नौकरी का लालच देकर ले जाए गए युवकों से तस्कर साइबर जालसाजी और युवतियों से हनी ट्रैप का काम करवाते थे। इस मामले में महाराष्ट्र के जिस आरोपी सुदर्शन दराडे के खिलाफ एनआईए ने 10 सितंबर को आरोप पत्र दायर किया है,वह भी मानव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का अहम हिस्सा है। उसके पास से इससे जुड़े कई अहम सबूत एनआईए के हाथ लगे हैं।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि भारत के जिन राज्यों से विदेशों में मानव तस्करी की जा रही थी, उसमें गुजरात, बिहार, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। इन राज्यों से बड़े पैमाने पर युवक और युवतियों की तस्करी वियतनाम, कंबोडिया और संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) में की गई है। सुदर्शन दराडे से पहले एनआईए वडोदरा से मनीष हिंगू, गोपालगंज से प्रह्लाद सिंह, गुरुग्राम से बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ से सरताज सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में यह भी पता चला है कि सुदर्शन दराडे संगठित तस्करी सिंडिकेट में सीधे तौर पर शामिल था।जो भारतीय युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाने के झूठे वादे देकर ले जाता था।