बॉम्बे हाईकोर्ट: सीडब्ल्यूसी ने 7 साल के बच्चे को डॉक्टर दीदी को सौंपा
- डॉक्टर दीदी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बच्चे को पाने के लिए लगाई थी गुहार
- अदालत ने सीडब्ल्यूसी, पुलिस और बच्चे को गोद लेने वाले पिता को जारी किया था नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने 7 साल के बच्चे को बिना बायोलॉजिकल संबंध के उस युवती को सौंप दिया, जिसे बच्चा डॉक्टर दीदी कह कर बुलाता है। युवती ने बचपन से बच्चे की देखरेख की थी। उन्हें उस बच्चे से इतना लगाव था कि वह बच्चे के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। अदालत ने सीडब्ल्यूसी, नेहरू नगर पुलिस और बच्चे को गोद लेने वाले पिता को नोटिस जारी किया था। सीडब्ल्यूसी ने 7 साल के बच्चे को याचिकाकर्ता डॉ.स्नेहल गवली को सौंप दिया। जब यह बच्चा नौ दिन का था, उसकी मां ने उसे एक ऐसी महिला को बेच दिया था, जिस पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। उस महिला के पास बच्चा सात साल तक रहा था। वह बच्चे के साथ दुर्व्यवहार कर रही थी। शिकायतकर्ता युवती (डा.गवली) ने पुलिस में अपनी बायोलॉजिकल मां के खिलाफ बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करने की शिकायत की। नेहरू नगर पुलिस ने इस साल 29 अप्रैल महिला पर पॉक्सो का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में वह जेल में बंद है।
टपुलिस ने महिला के जेल जाने पर बच्चे को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया। आरोपी महिला के दूसरे पति और युवती (बच्चे की चचेरी बहन) ने सीडब्ल्यूसी में बच्चे को पाने के लिए आवेदन किया। सीडब्ल्यूसी ने बहन के आवेदन को अस्वीकार कर दिया और बच्चे को महिला के दूसरे पति को सौंप दिया था। इसके बाद युवती ने बच्चे को पाने के लिए हाईकोर्ट में हैवी कार्पस याचिका दायर किया था। अदालत की नोटिस मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी के संज्ञान में आया कि बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपी महिला के दूसरे पति को सौंपना गलत था। सीडब्ल्यूसी ने अपने पहले ऑर्डर को रद्द कर बच्चे को अपने अधिकार में ले लिया। बाद के हित को देखते हुए उसे डाक्टर दीदी यानी चचेरी बहन को डा. गवली को सौंप दिया।