महाराष्ट्र: लोकसभा चुनाव में परिवारवाद की फसल फिर लहलहाने को तैयार!, इन सीटों पर दबदबा

  • चंद्रपुर सीट पर शिवानी और प्रतिभा आमने-सामने
  • रामटेक सीट पर नेतापुत्र कुणाल की दावेदारी
  • सोलापुर सीट से प्रणिती शिंदे को टिकट

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-08 22:30 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल चुनावी मोड में आए गए हैं। फिलहाल टिकट के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजनीति में परिवारवाद की आलोचना के बावजूद लगभग सभी दलों में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है जो अपने परिजनों को संसद भेजने के लिए टिकट के जुगाड़ में जुटे दिखाई दे रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में भी परिवारवाद की फसल लहलहाती दिखाई दे रही है। केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा विपक्ष के नेताओं पर परिवारवाद के मुद्दे के बहाने हमलावर है। प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह परिवारवाद को लेकर शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं। मगर महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेताओं के पुत्र और पुत्री लोकसभा चुनाव के लिए खुलकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि परिवारवाद का उदाहरण प्रदेश भाजपा में भी कम नहीं है। भाजपा कई सीटों पर नेताओं के बेटे और बेटियों पर दोबारा दांव लगाने वाली है। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 में से 2 सीटें रिक्त हैं। बची हुई 46 सीटों में से 15 सीटों पर ऐसे सांसद हैं जो किसी न किसी वर्चस्व वाले राजनीतिक घराने से आते हैं। इसमें 2 सांसदों का भी समावेश है, जिनके बेटे- बेटी विधायक हैं। परिवार के बल पर राजनीति में सफलता के शिखर पर पहुंचने वाले अधिकांश सांसदों को इस बार के लोकसभा चुनाव में दोबारा उम्मीदवारी तय समझा जा रहा है।


चंद्रपुर सीट पर शिवानी और प्रतिभा आमने-सामने

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार की बेटी शिवानी वडेट्टीवार ने विदर्भ की चंद्रपुर लोकसभा सीट पर दावा ठोंक दिया है। प्रदेश युवक कांग्रेस की महासचिव शिवानी चंद्रपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट मांगा है। विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने खुलकर अपनी बेटी शिवानी का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि शिवानी की दावेदारी को लेकर चंद्रपुर में अभी से विरोध शुरू हो गया है। चंद्रपुर से कांग्रेस सांसद रहे दिवंगत बालू धानोरकर की पत्नी तथा विधायक प्रतिभा धानोरकर ने कहा कि मेरे पति ने इस संसदीय क्षेत्र में काफी काम किया था। इस नाते मैंने कांग्रेस से चंद्रपुर सीट से लड़ने के लिए उम्मीदवारी देने की मांग की है। मुझे विश्वास है कि मैं ही इस सीट से चुनाव लड़ूंगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बालू धानोरकर ने पांच बार के सांसद रहे भाजपा के उम्मीदवार हंसराज अहिर को 44 हजार 763 वोटों से हराया था।


रामटेक सीट पर नेतापुत्र कुणाल की दावेदारी

नागपुर की रामटेक सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत अपने बेटे कुणाल राऊत के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। कुणाल प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रामेटक सीट पर शिवसेना (अविभाजित) के उम्मीदवार कृपाल तुमाने ने कांग्रेस प्रत्याशी किशोर गजभिये को 1 लाख 25 हजार 918 वोटों से हराया था। अब गजभिये ने फिर से रामटेक सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। दूसरी ओर राकांपा (शरद) के पूर्व विधायक प्रकाश गजभिये भी रामटेक सीट चुनाव लड़ना चाहते हैं। इससे रामटेक सीट को लेकर महाविकास आघाड़ी में पेंच फंसा हुआ है।


सोलापुर सीट से प्रणिती शिंदे को टिकट

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी तथा कांग्रेस विधायक प्रणिती शिंदे को सोलापुर सीट से उम्मीदवारी मिलना तय माना जा रहा है। क्योंकि शिंदे पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके बजाय प्रणिती लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले शिंदे को भाजपा के उम्मीदवार जयसिध्देश्वर महास्वामीजी ने 1 लाख 58 हजार 608 मत के अंतर से पराजित किया था। जबकि सागंली सीट से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटील के पोते विशाल पाटील को प्रत्याशी बना सकती है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में विशाल को भाजपा के उम्मीदवार संजय काका पाटील ने 1 लाख 64 हजार 352 वोटों से हराया था।


सुप्रिया, श्रीकांत, माने की उम्मीदवारी तय

आगामी लोकसभा चुनाव में राकांपा (शरद) की सांसद सुप्रिया सुले एक बार बारामती से उम्मीदवार होंगी। उनका मुकाबला अपनी भाभी सुनेत्रा पवार से होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सुपुत्र शिवसेना (शिंदे) के सांसद श्रीकांत शिंदे का कल्याण, शिवसेना (उद्धव) के सांसद ओमराजे निंबालकर को उस्मानाबाद, शिवसेना (शिंदे) के सांसद धैर्यशील माने को हातकणंगले सीट से उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। जबकि नंदूरबार सीट से भाजपा सांसद हीना गावित को तीसरी बार मौका मिल सकता है। अहमदनगर सीट से उम्मीदवारी को लेकर भाजपा सांसद सुजय विखे-पाटील और भाजपा विधायक राम शिंदे में खींचतान मची हुई है। यवतमाल-वाशिम सीट से शिवसेना (शिंदे) की सांसद भावना गवली ने गत दिनों कहा था कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। इससे राज्य के मृदा व जलसंरक्षण मंत्री संजय राठोड की राह कठिन नजर आ रही है। वहीं रावेर सीट से भाजपा सांसद रक्षा खडसे के तीसरी बार चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस बना हुआ है। रक्षा राकांपा विधायक एकनाथ खडसे की बहु हैं। क्योंकि जलगांव के पूर्व सांसद डॉ. उल्हास पाटील रावेर सीट पर अपनी बेटी डॉ. केतकी पाटील को उतारना चाहते हैं। बीते 24 जनवरी को पाटील ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में प्रवेश किया था।


इधर, नई पौध भी हो रही तैयार

कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता बालासाहेब थोरात की बेटी डॉ. जयश्री थोरात को अहमदनगर के संगमनेर तहसील के यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साल 2024 के विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर जयश्री ने कहा कि मेरे पिता थोरात अभी राजनीति से सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं। संगमनेर की जनता थोरात को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहती है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके बेटी श्रीजया चव्हाण भी राजनीति में सक्रिय होती नजर आ रही हैं। श्रीजया साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भोकर सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।

महाराष्ट्र में इन सीटों पर परिवार का दबदबा

सीट सांसद राजनीतिक परिवार

1) कल्याण श्रीकांत शिंदे (शिवसेना- शिंदे) पिता - एकनाथ शिंदे (मुख्यमंत्री)

2) अहमदनगर सुजय विखे-पाटील (भाजपा) पिता- राधाकृष्ण विखे-पाटील (मंत्री)

3) नंदूरबार हीना गावित (भाजपा) पिता- विजय कुमार गावित (मंत्री)

4) बारामती सुप्रिया सुले (राकांपा-शरद) पिता- शरद पवार (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

5) मुंबई उत्तर- मध्य पूनम महाजन (भाजपा) पिता- प्रमोद महाजन (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

6) बीड़ प्रीतम मुंडे (भाजपा) पिता- गोपीनाथ मुंडे (पूर्व केंद्रीय मंत्री)

7) रावेर रक्षा खडसे (भाजपा) ससूर- एकनाथ खडसे (पूर्व मंत्री)

8) दिंडोरी भारती पवार (भाजपा) ससूर- अर्जुन तुकाराम पवार (पूर्व राज्य मंत्री)

9) हातकणंगले धैर्यशील माने (शिवसेना- शिंदे) माता- निवेदिता माने (पूर्व सांसद)

10) यवतमाल-वाशिम भावना गवली (शिवसेना- शिंदे) पिता- पुंडलिकराव गवली (पूर्व सांसद)

11) अमरावती नवनीत राणा (निर्दलीय) पति- रवि राणा (विधायक)

12) माढा रणजीतसिंह नाईक-निंबालकर (भाजपा) पिता- हिंदूराव नाईक-निंबालकर (पूर्व सांसद)

13) उस्मानाबाद ओमराजे निंबालकर (शिवसेना-उद्धव) पिता- पवनराजे निंबालकर (कांग्रेस के पूर्व नेता)

14) जालना रावसाहब दानवे (भाजपा) बेटा-संतोष दानवे (विधायक)

15) रायगड सुनील तटकरे (राकांपा-अजित) बेटी- अदिती तटकरे (मंत्री)


हां, मैं परिवारवाद की उपज हूं।

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि हां, मैं परिवारवाद की उपज हूं। यदि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बन सकता है। वकील का बेटा वकील बन सकता है। फिर हम लोगों तक पहुंचकर वोट मांगते हैं तो इसमें गलत क्या है? मैं सांसद के रूप में काम करने के लिए लायक हूं अथवा नहीं। यह बारामती की जनता तय करेगी। लेकिन अमित शाह को भाजपा का परिवावाद भी देखना चाहिए। मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि भाजपा और एनडीए में परिवावाद नहीं है क्या। या फिर वहां पर केवल मेरिट चलता है।

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